सर्दी में ब्रेन स्ट्रोक को दावत देती हैं छाती की ये बीमारियां, लापरवाही पड़ सकती भारी, 5 तरीकों से करें बचाव

हाइलाइट्स

लगातार ठंड बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है.
इसलिए डॉक्टर दिल और अस्थमा मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं.

Protection for asthma and heart patients in winter: सर्दी अपने साथ कई गंभीर बीमारियों को लेकर आती है. इसलिए ठंड के मौसम में सेहत के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि लगातार बढ़ रही ठंड दिल व दिमाग पर भारी पड़ सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है. बता दें कि, सर्दी के सितम से हार्टअटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा का अटैक जैसी कई गंभीर बीमारियां बढ़ जाती हैं. कई बार ठंड बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है. यही वजह है कि डॉक्टर ठंड में दिल और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. ऐसे में जहां तक संभव हो, सुबह के समय कोहरे व शीतलहर के बीच बाहर निकलते से बचें. अब सवाल है कि ठंड दिल और अस्थमा के मरीजों के लिए कैसे घातक? क्या बरतें सावधानियां और कैसे करें बचाव? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कन्नौज के कम्युनिटी मेडिसिन हेड डॉ. डीएस मर्तोलिया-

धमनियां सिकुड़ने से रुक जाता है रक्त प्रवाह

डॉ. डीएस मर्तोलिया के मुताबिक, ठंड बढ़ने के कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिसका सीधा असर धमनियों में रक्त प्रवाह पर पड़ता है. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक खतरा पैदा हो जाता है. ठंड के इस मौसम में सुबह की गश्त सेहत पर भारी पड़ सकती है. इसलिए बेहतर है कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ठंड से बचाव रहें. जहां तक संभव हो, सुबह के समय कोहरे व शीतलहर के बीच बाहर निकलते से बचें.

पसीना न निकलने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा

डॉ. डीएस मर्तोलिया ने बताया कि ठंड में दिल और अस्थमा के रोगियों के शरीर से कम या बिलकुल पसीना न निकलना भी घातक हो सकता है. दरअसल, ठंड में पसीना न निकलने के कारण शरीर से सोडियम और पानी बाहर नहीं निकल पाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है. इसका सीधा असर हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है. ऐसे में हार्ट पर काम का अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्टअटैक का जोखिम बढ़ता है.

जानलेवा हो सकता है शराब का अधिक सेवन

डॉक्टर ने बताया कि कुछ लोगों को लगता है कि शराब पीकर वे ठंड का मुकाबला कर लेंगे, लेकिन ऐसा सोचना गलत है. शराब के सेवन से रक्तवाहिनियां संकरी हो जाती हैं. उस समय लगता है कि शरीर गर्म हो रहा है, लेकिन शरीर ज्यादा गर्मी बाहर निकाल देता है. इससे शरीर का कोर तापमान कम होने से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है. नशे में होने की वजह से वह ठंड से बचाव का उपाय भी सही समय पर नहीं कर पाते हैं और यह जानलेवा हो सकता है.

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ठंड से ऐसे करें बचाव

ठंड में दिल और अस्थमा के मरीज जितना संभव हो नमक और घी-मक्खन का सेवन न करें. ऐसा करने से ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने का खतरा बढ़ सकता है. आपका इस तरह का बचाव वसा के जमाव को रोकना है. इसलिए इस मौसम में तरल पदार्थ ले और गुनगुना पानी पिएं. इन मरीजों को घर में ही व्यायाम जरूर करना चाहिए, ताकि शरीर से पसीना निकले. दरअसल, शरीर का पसीना नहीं निकलने से दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा, अधिक वसा युक्त चीजें और सिगरेट आदि के सेवन से बचें. ऐसा करने से रक्तवाहिनियां संकरी हो सकती हैं और हृदय तक सही रक्तसंचार में समस्या आ सकती है.

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आयुर्वेदिक उपाय भी कारगर

आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं हॉस्पिटल लखनऊ के आयुर्वेदार्च डॉ. सर्वेश कुमार ने बताया कि तिल, सरसों व जैतून के तेल की मालिश करें. दूध, हल्दी, तिल, गुड़, मूंगफली, अलसी के लड्डू, अजवाइन, मिश्रित मेवे (भूरे रंग वाले) आधी मुट्ठी, आंवला, नींबू, संतरे का सेवन करें. ऐसा करने से शरीर को गर्मी मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. हालांकि, इन सभी चीजों का सेवन डॉक्टर की सलाह से लेना फायदेमंद होगा.

Tags: Brain, Health News, Heart attack, Lifestyle

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