झाबुआ. मध्य प्रदेश में इन दिनों नॉनवेज प्रेमियों में प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे की डिमांड बढ़ गई है. एक तो सर्दी के मौसम की आमद, ऊपर से चुनाव, काला मासी मुर्गा ट्रेंड में आ गया है. मध्य प्रदेश में आगामी 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने वाली है, इससे पहले झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ गई है. इसे जियोग्राफिकल इंडीकेशन (GI) टैग हासिल है. ठंड और चुनावी मौसम में मुर्गे की कीमतों में भी वृद्धि हुई है.
काले रंग का यह मुर्गा पौष्टिक मांस और स्वाद के कारण नॉनवेज प्रेमियों का पसंदीदा है. ऐसे में सर्दी के मौसम में इसकी डिमांड बढ़ने से इसकी कीमतों में भी भारी उछाल आया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के कारण कड़कनाथ की डिमांड बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि चुनाव के बीच मुर्गे की मांग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ी है. इसके साथ ही पहले वयस्क कड़कनाथ के दाम 800 से 1200 रुपए थे, जो कि अब 1200 रुपए से 2000 की कीमत में बिक रहा है.
झाबुआ में कहलाता है ‘कालामासी’
झाबुआ आदिवासी बहुल इलाका है. यहां मुर्गा इनका आहार और कमाई का जरिया है. इसके साथ आदिवासी समुदाय के लोग देवी-देवताओं की पूजा में भी कड़कनाथ मुर्गे की बलि देते हैं. झाबुआ के लोग स्थानीय भाषा में ‘कालामासी’ भी कहते हैं. इसके विशेषता यह है कि इसके पंखों से लेकर मांस तक का रंग काला होता है. साथ ही साथ इसमें अधिक प्रोटीन होने के कारण पौष्टिक भी होता है.

सर्दी में बढ़ी डिमांड
कड़कनाथ पालकों का कहना है कि चुनाव और ठंड की वजह से मुर्गे की डिमांड बढ़ गई है. इससे उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा है. उनका कहना है कि हर साल नवंबर-दिसंबर के महीने में कड़कनाथ महंगा बिकता है. इसकी मांग की पूर्ति करने के लिए लगभग तीन महीने पहले ही इसके चुजे खरीद कर पालन किया जाता है. लोगों का मानना है कि इसमें फैट और कॉलेस्ट्रोल कम होता है और पोषक तत्व ज्यादा होते हैं, इसलिए इसे इम्यूनिटी बूस्टर भी माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2023, 13:58 IST