सर्दी आते ही फिर सड़क पर उतरे अन्नदाता, क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं पंजाब-हरियाणा के किसान, क्या है मांग?

चंडीगढ़: सर्दी आते ही एक बार फिर से सड़कों पर अन्नदाता (Kisan Andolan) उतर गए हैं. पंजाब में एक बार फिर से किसानों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है. पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में आए किसान रविवार से ही मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए हैं और तीन दिनों तक प्रदर्शन करेंगे. एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले ये किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब और हरियाणा से लगते बॉर्डर पर बैरिकेटिंग कर दी है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. हरियाणा से भी किसान पंचकूला में एकत्र हुए हैं, जहां भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

क्या हैं किसानों की मांगें?
अधिकारियों की मानें तो किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग परिवर्तन किया गया है. प्रदर्शन में शामिल किसान खाने-पीने की व्यवस्था के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने तंबू डाल दिया है और लगातार सरकार से अपनी मांगों पर दबाव डाल रहे हैं. दरअसल, किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों (अब रद्द किये जा चुके) के खिलाफ 2020-21 में हुए आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, उस दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी, कर्ज माफी तथा पेंशन की मांग कर रहे हैं. बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा विभिन्न किसान संघों का संगठन है.

कहां-कहां हो रहा प्रदर्शन
किसानों ने घोषणा की है कि वे अपनी मांगों से जुड़ा एक ज्ञापन पंजाब के राज्यपाल को सौंपने के लिए चंडीगढ़ में राजभवन तक मार्च करेंगे. लुधियाना, फिरोजपुर, संगरूर समेत पंजाब के कई हिस्सों से किसान रविवार को मोहाली के फेज-11 तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) चौक मार्ग पर मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए. वे ट्रैक्टर ट्रॉलियों, कारों एवं अन्य गाड़ियों से आये हुए हैं. उन्होंने अपने साथ राशन, बिस्तर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर जैसी आवश्यक चीजें भी लाई हैं. भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने बताया कि सैकड़ों किसान पहले ही प्रदर्शन में शामिल हैं.

सिंघू और टिकरी बॉर्डर की आई याद
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां का कहना है कि यहां किसानों की भारी संख्या में उपस्थिति है. यह मुझे, अब निरस्त किये जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू और टिकरी बार्डर पर सालभर चले प्रदर्शन की याद दिलाता है. किसानों ने बीच सड़क पर तंबू लगा दिये हैं और मंच बनाया है. उन्होंने अपनी गाड़ियां भी वहां खड़ी कर दी हैं. जगह-जगह विभिन्न किसान संगठनों के झंडे लगा दिये गये हैं. कुछ किसानों को सड़कों पर खाना पकाते हुए देखा गया.

Kisan Andolan: सर्दी आते ही फिर सड़क पर उतरे अन्नदाता, क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं पंजाब-हरियाणा के किसान, क्या है मांग?

28 नवंबर तक ट्रैफिक अलर्ट जारी
पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ सीमा के पास अवरोधक लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है. चंडीगढ़ पुलिस ने एक यातायात परामर्श में कहा कि आंदोलन के मद्देनजर पूर्व मार्ग पर फैदां से मोहाली स्थित शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की ओर जाने वाली सड़कें 28 नवंबर तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगी. पुलिस ने हवाई अड्डे, एयरोसिटी और बेस्टेक मॉल की ओर जाने वाले वाहन चालकों को फैदां से दाईं ओर जाने और फिर सेक्टर 46/47/48/49/ चौक से बाईं ओर सीधे ‘एयरपोर्ट’ मार्ग की ओर जाने की सलाह दी है. मोहाली पुलिस ने अपने यातायात परामर्श में कहा कि जगतपुरा सेक्टर 48-49 ट्रैफिक सिग्नल से बावा व्हाइट हाउस तक यातायात 28 नवंबर तक स्थगित रहेगा. (इनपुट भाषा से)

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