सर्दी आते ही कोरोना के JN.1 variant ने दी दस्तक, जानिए क्या हैं इसके लक्षण?

नई दिल्ली:  

ठंड के साथ एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है. केरल से कोरोना का पहला मामला सामने आया है. इस वायरस सब-वेरिएंट को JN.1 नाम दिया गया है. केरल की 79 साल की एक महिला इस वायरस की चपेट में आई है, जांच में पता चला है कि वह जेएन.1 से संक्रमित है. जांच में बताया गया है कि महिला इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित थी, जांच के दौरान पता चला कि वह संक्रमित भी थी. हालांकि, अच्छी खबर यह है कि वह इस संक्रमण से उबर चुकी है. इससे सबसे पहले ये मामला सिंगापुर में पाया गया था.

आखिर क्या है जेएन.1 वेरिएंट?

इस केस के साथ तमिलनाडु से भी सामने आए हैं. लेकिन इस दौरान इन मामलों में कोई बढोत्तरी नहीं देखी गई है.अब इसके साथ ही जान लेते हैं कि आखिर जेएन.1 वेरिएंट क्या है? JN.1 सब वेरिएंट BA.2.86 (जिसे पिरोला के नाम से भी जाना जाता है) का एक नया सब वेरिएंट है. इस सब वेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में की गई थी. जिसके बाद यूके,आइसलैंड,फ्रांस और अमेरिका से भी इसके केस सामने आए थे.

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, कोरोना का यह सबवेरिएंट ओमीक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है. वैज्ञानिकों के मुताबिक JN.1 और BA.2.86 के बीच सिर्फ एक बदलाव होता है और वो है स्पाइक प्रोटीन में बदलाव. स्पाइक प्रोटीन को स्पाइक के नाम से भी जाना जाता है. यह वायरस की सतह पर छोटी-छोटी स्पाइक्स जैसा दिखता है. इस कारण लोगों में वायरस का संक्रमण अधिक तेजी से होता है.

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इस सब वेरिएंट के क्या है लक्षण?

सीडीसी के मुताबिक, कोरोना के इस नए सबवेरिएंट में अभी तक कोई खास लक्षण नजर नहीं आए हैं. ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोविड के अन्य वैरिएंट से अलग हैं या नहीं. आइए जानते हैं इस वायरस से संक्रमित होने के बाद क्या सामान्य लक्षण देखें जा रहे हैं? अगर कोई व्यक्ति इस संक्रमण से संक्रमित हो जाता है, उसे बुखार, लगातार खांसी, जल्दी थक जाना, बंद या बंद नाक, नाक बहना, दस्त और सिरदर्द की समस्या है तो आपको जांच कराने की जरूरत है.

कितना खतरनाक है जेएन.1 वेरिएंट?

आइए आखिर में जानते हैं कि क्या यह नया वैरिएंट खतरनाक है? फिलहाल इन सभी वेरिएंट्स के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। सीडीसी के मुताबिक, इस वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखकर कहा जा सकता है कि यह फिलहाल बिल्कुल भी खतरनाक स्थिति में नहीं है. यह वेरिएंट इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि ये वैरिएंट कितना खतरनाक है इसका फिलहाल कोई अंदाज़ा नहीं है.




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