तेल अवीव3 घंटे पहले
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इजराइली सेना ने सर्दियों में जंग जारी रहने की आशंका के मद्देनजर ज्यादातर तैयारियां पहले ही पूरी कर ली हैं। (फाइल)
इजराइल-हमास जंग का आज 32वां दिन है। इस बीच, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि गाजा में मिलिट्री ऑपरेशन पूरा होने में वक्त लग सकता है। लिहाजा उसने आने वाली सर्दियों के मद्देनजर अपने सैनिकों को जरूरी सामान और वर्दियां मुहैया कराना शुरू कर दिया है। यह काम करीब-करीब पूरा होने को है।
लेबनान और इसके बाद तुर्किये में अपने एयरबेस पर हुए हमलों से अमेरिका सख्त नाराज है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को कहा- अगर इस तरह के हमले जारी रहे तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।
इजराइली फौज की तैयारी
IDF ने सोमवार को एक बयान जारी किया। इसमें सर्दियों के लिए अपनी तैयारी की कुछ जानकारी दी। कहा- अब तक जंग के लिए जरूरी एक लाख 29 हजार विंटर जैकेट्स सैनिकों को दी गई हैं। इसके अलावा 3 लाख 69 हजार डिस्पोजेबल विंटर वॉर्मर बैग्स भी ट्रूप्स को दिए गए हैं।
बयान के मुताबिक- गाजा और इस क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी होती है। 1948 में आजादी की जंग के दौरान भी हमने इसका अनुभव किया था। लिहाजा, हर वो चैलेंज जो सामने आ सकता है, उसके मद्देनजर तैयारी की जा रही है। उस दौर के मुकाबले आज हमारे पास बहुत बेहतरीन प्रोटेक्शन गियर हैं।
इजराइली सेना ने कहा है कि वो हर वो चैलेंज जो सामने आ सकता है, उसके मद्देनजर तैयारी की जा रही है। हमारे पास बहुत बेहतरीन प्रोटेक्शन गियर हैं।
भारत के 200 यहूदी इजराइल में
‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- भारत में रहने वाली यहूदी कम्युनिटी के करीब 200 लोग इस वक्त IDF का साथ दे रहे हैं। ये सभी नेई मेनाशे कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं। यह जानकारी शेवी इजराइल नामक गैर सरकारी संगठन ने दी है।
इसके मुताबिक- हाल के दिनों में 75 लोग इजराइल पहुंचे। ये सभी ट्रेंड फाइटर हैं। इनमें तो कुछ एक्टिव पोस्ट पर तो कुछ रिजर्व में रखे गए हैं। शेवी संगठन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले इजराइलियों के लिए काम करता है। नेई मेनाशे कम्युनिटी के बारे में कहा जाता है कि वो इजराइल के विलुप्त होती जनजाति से आते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के मुताबिक- गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए नए तरीके खोजे जा रहे हैं।
ब्लिंकन की धमकी
इजराइल और हमास की जंग में अमेरिका सीधे तौर पर इजराइल के साथ खड़ा है। इसी वजह से बगदाद, बेरूत और तुर्किये में उसके एयरबेस को निशाना बनाया गया है। अब अमेरिका ने इन घटनाओं पर सख्त रुख दिखाया है।
सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तुर्किये पहुंचे। इसके पहले वो इराक की राजधानी बगदाद में थे। ब्लिंकन ने कहा- हाल ही में हमारे एयरबेस पर हमलों की कोशिश हुई है। अगर ये सिलसिला नहीं रुका तो नतीजे गंभीर होंगे। इन देशों की सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए।
अहम अपडेट्स…
- इजराइली सेना के मुताबिक, हमास मस्जिदों से रॉकेट दाग रहा है। उन्होंने कई ऐसी जगहों को तबाह किया है, जहां से रॉकेट दागे जा रहे थे। इनमें प्लेग्रांउड और स्कूल भी शामिल हैं।
- इजराइल ने जंग शुरू होने के बाद तीसरी बार गाजा में इंटरनेट सर्विस पूरी तरह बंद कर दी है।
एक्टिविस्ट गिरफ्तार
इजराइल-हमास जंग के बीच इजराइली सेना ने 22 साल की फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट अहद तमीमी को गिरफ्तार कर लिया। AFP के मुताबिक, सोमवार को तमीमी को हिंसा और आतंक भड़काने के लिए वेस्ट बैंक से अरेस्ट किया गया है। तमीमी ने 16 साल की उम्र में इजराइली सैनिक को तमाचा मारा था।
यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक तमीमी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर इजराइल के खिलाफ लिखा था- यहूदियों हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। हेब्रोन से लेकर जेनिन तक हम तुम्हारा कत्लेआम करेंगे। तुम कहोगे कि हिटलर ने तुम्हारे साथ जो किया वो तो सिर्फ मजाक था। तमीमी ने आगे लिखा- हम तुम्हारा खून पी जाएंगे। तुम्हारी खोपड़ी को खा जाएंगे।
तमीमी को हिंसा और आतंक भड़काने के लिए वेस्ट बैंक से अरेस्ट किया गया है।
PM मोदी की ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत
पश्चिम एशिया के ताजा हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी से बातचीत की। 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच शुरू हुई जंग के मद्देनजर दोनों नेताओं ने आम नागरिकों के मारे जाने पर चिंता जताई। फोन पर हुई इस बातचीत में मोदी ने रईसी को भारत की इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर राय भी बताई। इसके अलावा दोनों देशों के आपसी कारोबार चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट भी इस बातचीत का मुद्दा रहा।
कतर में हमास चीफ से मिले पाकिस्तानी नेता
पाकिस्तान की पॉलिटिकल पार्टी जमात ए उलेमा ए इस्लाम के हेड फजलुर रहमान ने कतर में हमास नेताओं से मुलाकात की। रिपोर्ट्स के मुताबिक फजलुर रहमान कतर में हमास चीफ इस्माइल हानिये से मिले।
पाक नेता फजलुर रहमान (बाएं) ने हमास के चीफ इस्माइल हानिये (दाएं) से फिलिस्तीन में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा की।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक रहमान हमास के पूर्व चीफ खालेद मेशाल से भी मिले। इस मुलाकात में उन्होंने फिलिस्तीन के अलावा कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत की। हमास के पूर्व चीफ खालेद ने कहा- जो देश मानवाधिकारों की बात करते हैं, वे ही हथियारों से भरे जहाज इजराइल भेज रहे हैं। फिलिस्तीन और कश्मीर के हालात मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए इम्तिहान हैं।
कतर में पाक नेता फजलुर रहमान (सबसे बाएं) और इस्माइल हनियेह को मोमेंटो भेंट करते हुए।
तुर्किये में अमेरिकी एयरबेस में घुसे प्रदर्शनकारी
तुर्किये में इजराइल का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी अडाना प्रांत में स्थित एक एयरबेस में घुस गए। यहां अमेरिकी सैनिक मौजूद थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए टीयर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। तुर्किये जंग को लेकर इजराइल का विरोध कर रहा है। वहीं, अमेरिका जंग की शुरुआत से ही इजराइल का सपोर्ट कर रहा है।
इसके पहले अमेरिका के ओकलैंड पोर्ट पर इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मिलिट्री शिप का रास्ता रोक दिया था। इस शिप में इजराइल को दिए जाने वाले हथियार हैं। प्रदर्शनकारी इस शिप के ऊपर चढ़ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें सूत्रों से पता चला था कि शिप में इजराइल की मदद के लिए हथियार पहुंचाए जा रहे थे। ये लोग ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगा रहे थे।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए टीयर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में तैनात की परमाणु पनडुब्बी
वहीं, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपनी कमांड परमाणु पनडुब्बी पर भेजी है। ओहायो क्लास सबमरीन में परमाणु हथियार लगे हैं। मिडिल ईस्ट में भूमध्य सागर, रेड सी, पर्शियन गल्फ और ओमान की खाड़ी में अमेरिका के कमांड हैं। हालांकि अमेरिकी सेना ने ये नहीं बताया कि न्यूक्लियर स्बमरीन को कहां तैनात किया है।
तस्वीर अमेरिका की ओहायो क्लास परमाणु पनडुब्बी की है, जो जंग के बीच मिडिल ईस्ट में तैनात की गई है।
एक महीने बाद हमास के हमले की जांच शुरू
7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।
इस बीच, इजराइल के अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ ने जांच के पॉइंट्स पर रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक- हमले की पहली और सबसे बड़ी वजह सेना का यह मुगालता था कि हमास के पास बड़े हमलों की ताकत ही नहीं है। यानी वो ओवर कॉन्फिडेंस की शिकार रही।
जांच के लिए कमीशन बनेगा
रिपोर्ट के मुताबिक- जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ।
दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
यह तस्वीर यरुशलम पोस्ट ने जारी की है। इसमें इजराइली सेना के अफसर वॉर स्ट्रैटेजी रूम में अगले एक्शन के बारे में बातचीत कर रहे हैं।
फिलिस्तीनी अथॉरिटी पर जबरदस्त दबाव
- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बार फिर फिलिस्तीन अथॉरिटी के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास से मुलाकात की है। रामल्लाह में हुई इस मुलाकात के बारे में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने अब्बास पर जबरदस्त दबाव बनाया है।
- अमेरिका चाहता है कि इजराइल गाजा में जल्द से जल्द ग्राउंड ऑपरेशन पूरा करे और हमास का खात्मा हो जाए। इसके बाद फिलिस्तीन अथॉरिटी को गाजा की भी कमान सौंपी जाए और वो अमेरिका के इशारे पर काम करे।
- न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ ने इस बारे में अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट के एक अफसर से भी बात की है। इस अफसर ने कहा- इसमें कोई दो राय नहीं कि हम इस मुद्दे को अब ज्यादा लंबा नहीं खिंचने देंगे। हमास को खत्म किया जाएगा और गाजा में फिलिस्तीन अथॉरिटी को एडमिनिस्ट्रेशन ऑपरेशन की कमान दी जाएगी। इस बारे में एक पूरा प्लान तैयार किया जा चुका है। ब्लिंकन ने इसी वजह से 10 दिन में दूसरी बार अब्बास से मुलाकात की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बार फिर फिलिस्तीन अथॉरिटी के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास से मुलाकात की है। अमेरिका चाहता है कि फिलिस्तीन अथॉरिटी हमास के खात्मे के बाद गाजा की कमान संभाले।
गाजा में पहली बार पहुंचा मीडिया
इजराइली सेना ने रविवार को चार घंटे के लिए मीडिया को गाजा के हालात देखने की मंजूरी दी। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- इस दौरान गाजा में तबाही साफ देखी जा सकती थी। स्कूल और धार्मिक स्थल खंडहर नजर आए।
इजराइली सेना के अफसर वेस्टर्न वर्ल्ड के जर्नलिस्ट्स को उत्तरी गाजा के उन हिस्सों में ले गए जहां जबरदस्त जंग हुई थी।
इजराइल ने पहली बार 31 अक्टूबर को गाजा के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर हमला किया था। तब 195 लोग मारे गए थे।
इजराइल-हमास जंग तस्वीरों में…
गाजा में इजराइली बमबारी में अपने बच्चे की मौत के बाद रोते हुए एक पिता।
तस्वीर गाजा में बमबारी में घायल एक महिला की है, वो फोन पर अपने रिश्तेदारों का हालचाल ले रही है।
इजराइली बमबारी ने पूरे गाजा को खंडहरों में तब्दील कर दिया है।
उत्तरी गाजा में इजराइली बमबारी के बाद हुई रोशनी और उससे उठा धुआं।
इजराइल ने साथ देने के लिए भारत को धन्यवाद कहा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच जंग से जो हालात बने हैं वो बेहद मुश्किल हैं। उन्होंने इजराइली विदेश मंत्री एली कोहेन से बात करते हुए कहा- भारत हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ता आया और आगे भी लड़ेगा। हम फिलिस्तीन मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के मुताबिक हल चाहते हैं। इस पर कोहेन ने कहा- हम इजराइल का साथ देने के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं।
शनिवार को इजराइल के लड़ाकू विमानों ने गाजा में एक इमारत की छत पर बने हमास के ठिकाने पर हमला किया।
इजराइली हमले में गाजा की 80 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं।
गाजा में हर घंटे मारे जा रहे 15 लोग
अलजजीरा के मुताबिक, गाजा में हो रही इजराइली बमबारी से हर घंटे 15 लोगों की मौत हो रही है। 35 लोग घायल हो रहे हैं और 12 इमारतें तबाह हो रही हैं। इस बीच हिजबुल्लाह ने इजराइली आर्मी की 6 पोस्ट पर हमला किया है। इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह 8 अक्टूबर से ही इजराइल पर हमले कर रहा है। इधर, 7 अक्टूबर से अब तक जंग में फ्रांस के 39 नागरिक मार गए हैं। 9 अन्य लापता हैं। हमास ने हमले के दौरान करीब 250 लोगों को बंधक बनाया, इनमें कई विदेशी नागरिक भी हैं।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
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अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी
इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी। पढ़ें पूरी खबर…