जितेंद्र बेनीवाल/फरीदाबाद. उत्तर भारत में सर्दी का कहर देखने को मिल रहा है, जिसके चलते आमजन से लेकर पशुओं तक हर किसी को सर्दी से बचना जरूरी है. हरियाणा की बात करें तो राज्य में ज्यादातर पशुपालक और किसान वर्ग है. इसके चलते सर्दियों में पशुओं की सही से देखभाल करना पशुपालकों के लिए थोड़ा चिंताजनक जरूर रहता है. अगर सर्दी के मौसम में पशुओं की सही से देखभाल न की जाए तो इसका असर दूध उत्पादन पर भी पड़ सकता है, जबकि छोटे पशु सर्दी की चपेट में आकर बीमार हो सकते हैं.
सर्दी ज्यादा लगने से पशुओं की मौत तक हो जाती है, इसलिए सर्दियों के दिनों में पशुओं का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इन दिनों में पशुपालक कैसे अपने पशुओं को सुरक्षित रख सकते हैं ये जानने के लिए लोकल 18 ने पशुपालन विभाग के अधिकारी डॉक्टर विनोद दहिया ने से बातचीत की. उन्होंने बताया कि ठंड लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में पशु पालकों की परेशानी भी बढ़ गई है. ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं को खुले आसमान के नीचे नहीं रखें. पशुओं को ढक कर रखें और उनके खाने पीने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने बताया कि ठंड से बचाव के लिए पशुओं को सरसों की खल्ली दें और दाना अधिक मात्रा में दें.
इन बातों का रखें ध्यान
उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं के बॉडी तापमान को मेंटेन रखने के लिए पशुपालक उन्हें गुनगुना पानी पिलाएं और यदि संभव हो तो पानी में हल्दी एवं गुड़ भी मिला सकते हैं. पशुओं को यदि जोक की दवा नहीं दी गई है तो पशुपालक इसे पशु चिकित्सालय से प्राप्त कर पशु को खिला दें. इससे पेट में होने वाले कीड़े से पशुओं को राहत मिलती है.
पशुओं में बैक्टीरिया जनित बीमारी खुरहा होने की संभावना बढ़ जाती है. इसकी रोकथाम को लेकर जनवरी में पशुपालन विभाग के द्वारा वैक्सीनेशन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. ऐसे में पशुपालक अपने पशु को यह टीका लगाना सुनिश्चित करे. ठंड के असर से जब पशु बीमार पड़ते हैं तो दूध उत्पादन पर भी इसका असर पड़ता है. बीमार होने पर पशु भोजन कम कर देते हैं. ऐसे में पशुपालकों की परेशानी बढ़ सकती है. उन्होंने बताया कि समय रहते पशुओं को ठंड से बचाव को लेकर यदि पूरी व्यवस्था कर ली जाए तो पशुपालक इन सभी परेशानियों से बच सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 17:21 IST