सरसों की खेती कर रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, होगा बंपर उत्पादन!

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. सरसों की खेती करने वाले किसान कृषि वैज्ञानिक की सलाह का पालन कर अपनी फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. सरसों में होने वाली बीमारियों से भी उसे बचा सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एके राय ने इस पर विस्तृत जानकारी दी है.

लोकल 18 से विशेष बातचीत में सीनियर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके राय ने बताया कि सरसों की बुआई से लेकर इसकी कटाई तक यदि किसान विशेषज्ञ की सलाह का पालन करेंगे तो उन्हें बेहतर फसल की प्राप्ति होगी. जिससे सरसों से अधिक मात्रा में तेल भी प्राप्त किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सरसों की फसल लगा चुके किसानों के खेत में अब सरसों के फूल आनी शुरू हो गई है.

फूल में कीड़े लगने पर कीटनाशक का करें प्रयोग
उन्होंने बताया कि सरसों के फूल में माहो नाम की एक बीमारी सामने आती है. जिससे फसल का विकास रुक जाता है. फूल में कीड़े लगने से फूल नष्ट हो जाते हैं और पौधे में सरसों की फली तैयार नहीं हो पाती है. उन्होंने बताया कि सरसों के फूल में कीड़े लगने पर तुरंत रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए. ताकि यह अधिक फैले नही और सरसों की खेती में होने वाले नुकसान से बचा जा सके.

अधिक बीज लगाने से पौधों को नहीं मिलता पर्याप्त पोषण
डॉ. एके राय ने बताया कि जब सरसों के पौधे में फली लगना शुरू हो जाती है. तब किसान को अपने खेत में नमी बरकरार रखना चाहिए. इससे बेहतर क्वालिटी के सरसों बीज तैयार होते हैं और तेल की मात्रा बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि यदि फसल की ग्रोथ रुक गई है, तो किसान को एक बार यूरिया खाद का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि किसान को सरसों की बुआई के समय एक ही स्थान पर काफी मात्रा पर सरसों के बीज की बुआई करने से बचना चाहिए. इससे पौधा घना हो जाता है और सभी पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है. जिससे उत्पादन की क्षमता काम हो जाती है.

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