सरसों का साग और मक्के दी रोटी… सर्दियों में महज 3 माह मिलती है यह देसी डिश

आकाश कुमार/जमशेदपुर. कुछ ऐसे व्यंजन होते हैं, जिन्हें खाने का मजा सिर्फ सीजन में ही आता है, जैसे गर्मी के मौसम में आप ठंडी ठंडी आइटम खाना पसंद करते हैं. वैसे ही सर्दियों में भी कुछ ऐसे व्यंजन हैं जो सिर्फ कुछ ही महीने खाने को मिलते हैं और काफी स्वादिष्ट लगते हैं. आज हम बात कर रहे हैं सर्दियों के मौसम में  मात्र 2 से 3 महीने मिलने वाले व्यंजन कीस जिसका नाम है मक्के दी रोटी और सरसों दा साग.

जमशेदपुर में साकची स्थित शीतला मंदिर के पीछे होटल ‘पिंड दी रसोई’ है, जहां आपको एक से बढ़कर एक पंजाबी खाना खाने को मिलेगा. वहीं मात्रा साल में 3 महीने मिलने वाली या आइटम मक्की दी रोटी और सरसों दा साग लोगों को खूब पसंद आ रहा है.

लोकल 18 को बताते हुए दुकान की संचालक सरबजीत ने बताया कि मक्की दी रोटी और सरसों का साग बनाने में काफी मेहनत लगती है, क्योंकि सरसों के साग को अच्छी तरह से धोकर करीब 3 से 4 घंटे धीमी आंच में पकाया जाता है. तब जाकर वह स्वादिष्ट बनता है. वहीं मक्के को अच्छे से मिला के उसे हाथों की कलाइयों से पीट-पीट कर बनाया जाता है. खूब सारा मक्खन लगाकर लोगों को परोसा जाता है.

लोगों को खूब भा रहा स्वाद
कीमत की बात करें तो मात्र 100 रुपए के दो पीस मिलते हैं. खाना खाने आए अंबुज ने बताया कि वह सर्दियों का इंतजार करते हैं कि कब यहां पर स्वादिष्ट सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने को मिलेगी और जैसे ही सर्दी आती है तो वह प्रतिदिन यहां खाने चले आते हैं.

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