केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र की विश्व स्तर पर अच्छी छवि है और सरकार बढ़ती मांग को देखते हुए कार्यबल बढ़ाने के लिए काम कर रही है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने दोहराया कि कोरोनोवायरस के जेएन.1 उप-स्वरूप से घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन राज्यों को इसके प्रसार के बारे में सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
डॉ. पवार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और आंतरिक रोगी विभाग (आईपीडी) सेवाओं, आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) और जन औषधि केंद्र जैसी सरकारी योजनाओं की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भारत विश्व स्तर पर सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। दुनिया भर में भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों की काफी मांग है। भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र की छवि अच्छी है। यह विश्वसनीय है और कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों की मांग बढ़ रही है।’’
उन्होंने कहा कि जापान समेत कई देशों में भारतीय नर्सों की भारी मांग है।
डॉ. पवार ने कहा, ‘‘नर्सों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में जापानी का पाठ्यक्रम शुरू किया है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए सीट संख्या बढ़ाने पर भी काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले देश में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 350 थी। उसके बाद यह संख्या बढ़कर 700 से अधिक हो गई है। इसी तरह, मिजोरम और नगालैंड जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र में पिछले 70 वर्षों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था, लेकिन वहां भी अब मेडिकल कॉलेज हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।