![Devendra fadnavis Devendra fadnavis](https://images.prabhasakshi.com/2023/12/devendra-fadnavis_large_2219_136.webp)
Creative Common
एक सितंबर को जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में पुलिस और मराठा प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जब उनसे मराठा समुदाय के विरोध मार्च के समय के बारे में पूछा गया क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा तो जरांगे ने कहा कि मार्च का कार्यक्रम पहले तय किया गया था और इसका अयोध्या कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा एक सामाजिक मुद्दा है। हम राम मंदिर के लिए अपनी खुशी कहीं से भी व्यक्त कर सकते हैं।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने बुधवार को गृह विभाग का प्रभार संभालने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मराठा समुदाय के सदस्यों के खिलाफ बिना किसी कारण के मामले दर्ज नहीं करने का आग्रह किया।
छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी उन ट्रैक्टर मालिकों को नोटिस जारी कर रहे हैं जिनका इस्तेमाल मराठा समुदाय के मुंबई जाने वाले विरोध मार्च में किया जा सकता है। जरांगे इसी अस्पताल में भर्ती हैं।
जरांगे ने पहले ही घोषणा की है कि अगर 20 जनवरी से पहले सरकार ने मराठाओं को आरक्षण नहीं दिया तो समुदाय के सदस्य 20 जनवरी को मुंबई तक मार्च करेंगे।
उन्होंने पहले सरकार के सामने आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए 24 दिसंबर की समयसीमा रखी थी।
हाल में, पुलिस ने राज्य के कुछ हिस्सों में उन रैलियों के आयोजकों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं जिन्हें जरांगे ने संबोधित किया था।
उन्होंने कहा, “ मैं गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस से अपील करता हूं कि बिना वजह मराठा समुदाय के लोगों के खिलाफ मामले दर्ज न किए जाएं। समुदाय का क्रोध न भड़काएं। मुंबई जाने वाले ट्रैक्टरों को नहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि मराठा समुदाय के सदस्य मुंबई पहुंच कर रहेंगे।”
जरांगे ने कहा, “मामला दर्ज होने से मराठा समाज दबाव में नहीं आएगा। अगर वे दबाव में आते तो लाखों लोग रैली में शामिल होने के लिए बीड नहीं आते। आपने अंतरवाली सराती (जारांगे का गांव)में जो किया उसे दोहराने की कोशिश न करें क्योंकि वहां मराठा समुदाय के करोड़ों सदस्य होंगे।”
एक सितंबर को जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में पुलिस और मराठा प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
जब उनसे मराठा समुदाय के विरोध मार्च के समय के बारे में पूछा गया क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा तो जरांगे ने कहा कि मार्च का कार्यक्रम पहले तय किया गया था और इसका अयोध्या कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, हमारा एक सामाजिक मुद्दा है। हम राम मंदिर के लिए अपनी खुशी कहीं से भी व्यक्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
अन्य न्यूज़