सरकार की यह योजना दिला रही पशुधन के जोखिम से मुक्ति,लाखों पशुपालकों को हुआ लाभ

कासिम ख़ान/नूंह.हरियाणा सरकार प्रदेश में पशुधन को जोखिम मुक्त करने के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना चला रही है.इस योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है.यह योजना केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय पशुधन मिशन और राज्य सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है.

पशुधन बीमा योजना के बारे में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ विरेंद्र सहरावत ने कहा कि इस योजना के तहत पिछले पांच सालों में अब तक 3.90 लाख से अधिक पशुपालकों ने लगभग 8.51 लाख पशुधन का बीमा कराकर एक नया आयाम स्थापित किया है.अब तक लगभग 57.92 करोड़ रुपए की बीमा दावा राशि पशुपालकों को वितरित की जा चुकी हैं.लगभग 9.25 करोड़ रुपए की बीमा दावा राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन हैं.इस योजना के अंतर्गत दो प्रकार के पशुओं का वर्गीकरण किया गया है-बड़े पशु और छोटे पशु.बड़े पशुओं में गाय, भैंस, झोटा, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर इत्यादि और छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, सूअर इत्यादि का बीमा किया जाता है.

पशुधन बीमा करवाएं पशुपालक
प्रत्येक परिवार पांच पशुधन यूनिट का बीमा करवा सकता है. एक पशुधन यूनिट का मतलब एक बड़ा पशु या 20 छोटे पशु है. इसके साथ-साथ गौशाला भी अपने पांच पशुओं का बीमा करवा सकती हैं.एक परिवार का आशय पति-पत्नी और उनके आश्रित बच्चों से है.इस योजना का लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा निःशुल्क किया जाता है और अन्य वर्गों के पशुपालकों के लाभार्थी मात्र 100/200/300 रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने बड़े पशु का और मात्र 25 रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने छोटे पशु का बीमा करवा सकते हैं.

पशु की मृत्यु पर आर्थिक नुकसान से बचें
पशु की दुग्ध क्षमता के अनुसार पशुपालक का अंशदान प्रति पशुधन प्रति वर्ष 100, 200 व 300 रुपये है.पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ विरेंद्र सहरावत ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत बीमित पशुधन की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु को कवर किया जाएगा.पशुधन का बीमा हो जाने के बाग शुरुआती 21 दिनों तक केवल दुर्घटना से मृत्यु का कवरेज शामिल है, जिसके लिए पुलिस सूचना अनिवार्य है और पशु की आकस्मिक ( बीमारी से) मृत्यु का कवरेज बीमा करने के 21 दिन बाद प्रारंभ होगा. पशुधन की चोरी कवरेज में शामिल नहीं है.पशुधन बीमा के लिए इच्छुक लाभार्थी सरल पोर्टल (saralharyana.gov.in) या अपने निकटतम ई-सेवा केंद्र, अटल सेवा केंद्र, ई- दिशा केंद्र व अंत्योदय केंद्र के माध्यम से अपना आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क किया जा सकता है.इसके लिए परिवार पहचान-पत्र, मतदाता व राशन कार्ड की कॉपी, पशु चिकित्सक द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, बैंक डिटेल आदि मुहैया करवानी होगी.

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