सरकारी स्कूल से पढ़ाई, फिर बिना कोचिंग बना एयरफोर्स में पायलट, यूपी के लाल को रक्षामंत्री ने पहनाया मेडल

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: जब आंखों में अरमान लिया, मंजिल को अपना मान लिया है तो मुश्किल क्या आसान क्या. जब ठान लिया तो ठान लिया. कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती. जिले के खेजरी निवासी आदित्य सिंह के बेट यशवंत सिंह ने अपने सपने को साकार करने के लिए न केवल दिन रात एक किया बल्कि आज तक किसी कोचिंग सेंटर का सहारा भी नहीं लिया. पढ़ाई के समय में मोबाइल से दूरी और किताब से बेपनाह लगाव था. आज आदित्य अपने सपने को सरकार करते हुए इंडियन नेवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पायलट के पद को प्राप्त किया. वो न केवल अपने माता-पिता के सपनों पर खरा उतरे बल्कि देश दुनिया में अपना परचम लहरा दिया.

आदित्य के चाचा डॉ. फतेहबहादुर सिंह ने बताया कि उनके भतीजे की नियुक्ति इंडियन नेवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पायलट के रूप में हुई है. जिसको रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मेडल प्रदान किया है. आदित्य ने हम सभी के सपनों को साकार कर दिया. अभी आदित्य हैदराबाद में ही अपने माता-पिता के साथ हैं जल्द ही अपने गृह जनपद को आएंगे.

बलिया के लाल ने किया कमाल, रक्षा मंत्री ने पहनाया बैच
जिले के खजूरी गांव निवासी डॉ. फतेहबहादुर सिंह ने कहा, ‘आदित्य मेरे भतीजे हैं. नेवी में ट्रांसपोर्ट पायलट के रूप में उनकी नियुक्ति हुई है. 2016 में इन्होंने एनडीए संपन्न किया था. अब ट्रांसपोर्ट पायलट बनने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा आदित्य को पायलट वाला बैच पहनाया गया है. परेड और शपथ भी संपन्न हो गया है चुकी परेड में अभिभावक को आमंत्रित किया गया था तो अभी आदित्य के साथ ही माता-पिता भी वही हैं’. बताते चलें कि हैदराबाद मे आयोजित 212 वी परेड मे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड (सी०जी०पी०) में सेना के नव नियुक्त अधिकारियो को मेडल प्रदान किया गया है. जिसमें बलिया जिले के खेजूरी निवासी आदित्य सिंह भी शामिल रहे.

ये था पढ़ाई करने का राज
आदित्य सिंह के चाचा ने बताया कि आदित्य केंद्रीय विद्यालय के छात्र शुरू से ही रहे हैं. पढ़ाई के समय में यह लड़का फेसबुक और फोन से काफी दूर रहता था उस समय आदित्य का कुछ था तो केवल किताब और किताब के अलावा कुछ नहीं. इस लड़के के पढ़ने के तरीके में आज तक ऑनलाइन सिस्टम लागू नहीं हुआ. यह लड़का फेसबुक और व्हाट्सएप पर कभी फोकस नहीं किया. मोबाइल से काफी दूर रहता था’.

Tags: Indian Airforce, Local18, Success Story

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