नई दिल्ली. कांग्रेस नेता कमलनाथ इन खबरों के बीच शनिवार को दिल्ली पहुंचे कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं. प्रभावशाली गांधी परिवार के बाद सबसे बड़े कांग्रेस नेताओं में से एक, मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ने बड़े बदलाव की पुष्टि नहीं की है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया है. आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज हैं “इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे”? कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने संकेत दिया कि उनके बॉस का अपमान किया गया है. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नेता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस में दरार की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, ”राजनीति में तीन चीजें काम करती हैं- सम्मान, अपमान और स्वाभिमान, जब इन पर चोट लगती है तो इंसान अपने फैसले बदल लेता है… जब ऐसा शीर्ष राजनेता जिसने पिछले 45 वर्षों में कांग्रेस और देश के लिए बहुत कुछ किया है, अपनी पार्टी से दूर जाने के बारे में सोचता है, तो इसके पीछे ये तीन कारक काम करते हैं.” हालांकि, उन्होंने कहा कि कमलनाथ के पूरी तरह से कांग्रेस छोड़ने के बारे में कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा, ”कमलनाथ कांग्रेस से जा रहे हैं, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, सिर्फ अटकलें हैं.”
वर्मा ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि कमलनाथ कांग्रेस में किसी अज्ञात मुद्दे को लेकर बेहद आहत थे. वे “वरिष्ठ नेताओं से मिलने” के लिए दिल्ली में हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान द्वारा मध्य प्रदेश चुनाव में पार्टी की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद से ही कमलनाथ भाजपा नेताओं के संपर्क में थे. उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया और राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता भी नहीं बनाया गया. राज्यसभा के लिए अशोक सिंह के नाम की घोषणा से भी कमलनाथ नाराज थे. सिंह को दिग्विजय सिंह का वफादार माना जाता है. कमलनाथ चाहते थे कि राज्यसभा सीट उन्हें मिले.
कमलनाथ का मध्य प्रदेश के साथ संबंध 1979 से है. कमलनाथ (77) ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था. उनका जन्म 1946 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. एक समय इंदिरा के ‘दो हाथ संजय गांधी और कमलनाथ’ का नारा दिया गया था.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 1970 के दशक में कमलनाथ और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की दोस्ती बहुत मशहूर थी. उन्होंने कहा कि कमलनाथ दशकों से नेहरू-गांधी परिवार से जुड़े रहे हैं और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का विश्वास हासिल रहा, जिनकी विचारधारा का वह समर्थन करते थे. कमलनाथ का कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी अच्छा तालमेल है.
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FIRST PUBLISHED : February 18, 2024, 07:17 IST