सब्जी या धान-गेहूं नहीं…मछली पालन के खानदानी बिजनेस से यह युवा सालाना कमाता है 7 लाख

अमित कुमार/समस्तीपुर : वर्तमान समय में लोग अक्सर खेती-किसानी से हटकर अच्छी आमदनी होने वालेकाम को ढूंढते रहते हैं. इसी का उदाहरण साबित करते हुए जोरपुरा पंचायत के एक व्यक्ति ने यही किया.उन्होंने खेती-किसानी से से हटकर मछली पालन व्यवसाय की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण है की अच्छा लाभ कमाना. जिसका फायदा किसानों को मिल भी रहा है. मछली पालन आप कम जगह में आराम से कर सकते हैं.

समस्तीपुर जिला के पटोरी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जोरपुरा पंचायत केश्रीराम डीह पोखर में मछली पालन करने वाले नील रतन कुमारके सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो डेढ़ एकड़ के तालाब में मछली पालन से सालाना 7लाख रुपए से अधिक की आमदनी कर रहे हैं.

बचपन में पिता से सीखा गुण, है खानदानी पेशा
नील रतन कुमार ने आगे बताया किहमारायह खानदानी पेशा है. जब हम 7 साल के थे तभी हमारे पिताजी मछली पालन करते थे. खेलते कूदते उनके पास हम भी चले जाते थे. देखते देखते हमें भी अच्छी तरह से मछली पालन का आइडिया मिल गया. जिस के बाद पिछले 10 वर्षों से लगातार इस क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं और खर्च काट कर के 7 लाख से अधिक प्रतिवर्ष कमा ले रहा हूं.

पोखर में है इतनी वैरायटी की मछली
इनके तालाब में कतला, मृगल, रेहु, नैनी और काॅमन कार्प मछली मौजूद है. वह बताते हैं कि तालाब में जब पानी सूखने की स्थिति हो जाती है, तो वैसे परिस्थिति में बिजली मोटर के सहयोग से पानी डाल देता हूं. वह बताते हैं कीहैचरी से स्पाॅन लाकर आसपास के किसान को मछली के बीज और स्पाॅन भी उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं. तैयार मछली को बेचने के लिए भी उन्हें सोचना नहीं पड़ता है. व्यापारी उनके यहां खुद पहुंच जाते हैं. बताया जाता है कि अगर सही सलामत और सिस्टम से मछली पालन का व्यवसाय लोग करेंगे तो डेढ़ एकड़ तालाब में 10 लाख से अधिक रुपए का मुनाफा हो सकता है.

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