नीरज कुमार/बेगूसराय: बिहार में खेती किसानी का तरीका बदल रहा है. आज के दौर में ऐसे बहुत कम किसान हैं जो पारंपरिक फसल प्रणाली के साथ-साथ सब्जियों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. लेकिन जिन किसानों ने इस प्रयोग को अपनाया है, आज वे अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे किसानों की तादाद भले हीं कम हो, लेकिन उनकी कमाई अच्छी देखी जा रही है. इस बदलती कमाई को देखकर आस-पास के लोग इन्हें प्रगतिशील किसान मानते हैं. यही वजह है कि सरकार भी आधुनिक खेती की तरफ किसानों को रुख करने की अपील कर रही है. कुछ इसी तरह का प्रयोग बिहार के बेगूसराय जिला के डंडारी प्रखंड के किसान गीता देवी ने कर कर दिखाया है. खेती से जुड़कर अच्छी कमाई कर रही हैं. 40 कट्ठे में सब्जी की खेती से रोजाना आमदनी प्राप्त कर रहे हैं.
गीता देवी ने बताया कि टीवी पर अन्नदाता कार्यक्रम देख रहे थे. इस दौरान महिलाओं के लिए भी सब्ज़ी की खेती से मोटी आमदनी का जरिया दिखाया गया. जिसमें दिखाया गया कि कैसे एक साथ एक हीं खेत में कई प्रकार की सब्जी की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त की जाती है. इसी से प्रेरणा लेकर दो बीघा यानी 40 कट्ठे के तीन प्लॉट में हरी सब्जी की खेती करना शुरू कर दिया. गीता नें बताया कि साल भर सिर्फ सब्जी की हीं खेती करते हैं. एक हीं खेत में परवल, लोकी, बैगन, टमाटर, कुसुम साग आदि सब्जी की खेती कर रहे हैं.
सब्जी की खेती से रोजाना तीन हजार की हो जाती है कमाई
गीता देवी ने बताया कि सुबह आस-पास के कई बाजारों में सब्जी की कीमत जानने के लिए फोन करते हैं. इसके बाद शहर या आस-पास के जिन बाजारों में ज्यादा कीमत मिल जाती है, उसी बाजार में सब्जी को भेज देती हैं. गीता के मुताबिक सबसे ज्यादा मेहनत बैंगन की खेती में लगता है. उन्होंने बताया कि रोजाना सब्जी की खेती में तकरीबन 500 रुपए तक खर्च तो हो जाता है. लेकिन जब बाजार सब्जी को भेजते हैं तो 3000 से 4000 कीमत की बिक जाती है. फिलहाल बाजार में टमाटर, भिंडी, बैंगन जैसी सब्जियों की अच्छी कीमत मिलती है. उन्होंने बताया कि टमाटर की कीमत 40 रुपए से ज्यादा मिल जाता है. इसलिए जिले में किसानों का रुझान अब टमाटर की खेती की ओर बढ़ा है.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 09:59 IST