‘सबके ससुराल के पार्टी बा…’, आनंद मोहन के बयान पर राबड़ी देवी का पलटवार

Patna:

Bihar Politics News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सात बार से विधायक रहे नंदकिशोर यादव बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बन गए हैं. इस बीच बिहार में ‘माय-बाप’ के समीकरण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी दौर जारी है. बता दें कि जन विश्वास यात्रा पर निकले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरजेडी को बाप की पार्टी बताई है. इस पर पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि, आरजेडी ‘ससुराल’ की पार्टी है. अब बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव की मां राबड़ी देवी ने शुक्रवार (23 फरवरी) को इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.

आपको बता दें कि राबड़ी देवी ने ना सिर्फ आनंद मोहन को जवाब दिया बल्कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री मोदी को भी निशाने पर लिया है. उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. बता दें कि विधानसभा परिसर में पत्रकारों ने जब सवाल किया कि आनंद मोहन ने आरजेडी को ‘ससुराल’ की पार्टी बताई है तो इस पर राबड़ी देवी ने जवाब देते हुए कहा कि, ”ठीक है… सबके ससुराल के पार्टी बा…”

‘बीजेपी में सबसे ज्यादा परिवारवाद’ – राबड़ी देवी

वहीं आपको बता दें कि आनंद मोहन के दिए गए बयान पर आगे राबड़ी देवी ने कहा कि, ”सिर्फ लालू यादव की पार्टी के लोग ही नहीं हैं. प्रधानमंत्री के घर के लोग भी हैं. बीजेपी में सबसे ज्यादा परिवारवाद है.” आगे जब पत्रकारों ने एक और सवाल पूछा कि, ”नीतीश कुमार के कहने के बाद भी केके पाठक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं” इस पर राबड़ी देवी ने जवाब देते हुए कहा कि, ”बिहार की जनता देख रही है. सरकार तो इधर-उधर पलट रही है, इसलिए अधिकारी सुन नहीं रहे हैं.”

आनंद मोहन सिंह ने क्या दिया था बयान ? 

आपको बता दें कि बीते गुरुवार को समस्तीपुर के मोहिउद्ददीननगर के रासपुर पतसिया में आयोजित पृथ्वीराज चौहान की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा में आरजेडी को माय नहीं बल्कि बाप  की पार्टी बताने वाले बयान पर तंज कसते हुए जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, ”आरजेडी माय-बाप के साथ सबसे पहले ससुराल की पार्टी थी और आज भी है.” आगे उन्होंने ससुराल का पूरा मतलब समझाते हुए कहा कि, ”पहले ससुराल मतलब साधु, सुभाष, राबड़ी और लालू अब वाली ससुराल का मतलब संजय, सुनील, राजेश्वरी और लफुअन. आज भी ससुराल की पार्टी है.”

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