सपना रह गया अधूरा: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 400 किलो का ताला भेंट नहीं कर सके सत्यप्रकाश, निधन

Satyaprakash Sharma, who made 400 kg lock before consecration of Ram temple in Ayodhya, passes away

400 किलोग्राम ताले के साथ सत्यप्रकाश शर्मा
– फोटो : फाइल फोटो

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अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए 400 किलो ग्राम के ताले को भेंट करने का सत्यप्रकाश शर्मा का सपना अधूरा रह गया। श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही दिल का दौरा पड़ने से ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा का निधन हो गया। सत्यप्रकाश को प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार था, वह उस दिन ताले को श्रीराम  मंदिर के लिए देना चाह रहे थे।

अलीगढ़ में ज्वालापुरी की गली नंबर पांच के निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। जिसने भी उनके निधन की खबर हुई, वह अपने आपको रोक न सका। वहां हर कोई बस यही कह रहा था कि पंडित जी का सपना अधूरा ही रह गया, वह 400 किलोग्राम के ताले को राम मंदिर के लिए देना चाहते थे, पर ऐसा न हो सका।

योगी से मिलते सत्यप्रकाश शर्मा

तीन फिट चार इंच लंबी चाभी 30 किलोग्राम की

ज्वालापुरी की गली नंबर पांच निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुकमणी शर्मा ने 400 किलोग्राम के इस ताले को तैयार किया। छह फीट दो इंच लंबे और दो फीट साढ़े नौ इंच चौड़े ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगा। तीन फिट चार इंच लंबी इसकी चाभी तीस किलोग्राम की है। इसको बनाने में करीब दो लाख रुपये का खर्च आया। यह छह माह में बनकर तैयार हो गया था।

पीएम मोदी को ताला भेंट करते सत्यप्रकाश शर्मा

पीएम माेदी, सीएम योगी से भी मिले थे

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भेंट करने के लिए वहां के ट्रस्टी चंपतराय से सत्यप्रकाश की बातचीत हुई थी। सत्यप्रकाश और उनकी पत्नी रुकमणी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। मुख्यमंत्री के स्तर से दिसंबर में ताला मंगवाने का भरोसा दिलाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुक्मणि शर्मा ने दिल्ली जाकर छह किलोग्राम का ताला भेंट किया था।  प्रधानमंत्री ने उनके प्रयासों को सराहते हुए अलीगढ़ के ताले की तारीफ की थी। 

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