इस योजना के तहत राज्य के 211 स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा. यह समारोह रायपुर के पं.दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया था.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र की योजना पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छात्रों को कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में दो बार उपस्थित होने का अवसर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण छात्रों को तनाव मुक्त रखना, उन्हें गुणवत्ता से समृद्ध करना, संस्कृति से जोड़े रखना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है तथा यही 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सूत्र है.
प्रधान ने राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि पिछली सरकार में शिक्षा प्राथमिकता का विषय नहीं था, जबकि नवनिर्वाचित विष्णु देव साय शासन के प्रयासों से पता चलता है कि शिक्षा उनकी प्राथमिकता में है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘पीएम श्री योजना’ के पहले चरण में, छत्तीसगढ़ में 211 स्कूलों (193 प्राथमिक स्तर और 18 माध्यमिक स्कूलों) का ‘हब और स्पोक मॉडल’ पर उन्नयन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की मांग के अनुसार, योजना के अगले चरण में अधिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को योजना के दायरे में लाया जाएगा.
प्रधान हर साल स्कूल में ‘10 बस्ता रहित दिवस’ शुरू करने की अवधारणा के बारे भी बोले और छात्रों को कला, संस्कृति एवं खेल आदि से जोड़ने पर जोर दिया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्य के स्कूल एवं उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अधिकारी उपस्थित थे.
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