
बलिदानी सचिन लौर
– फोटो : फाइल फोटो
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राजौरी जिले में 22 नवंबर को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पैरा ट्रूपर सचिन लौर का पार्थिव शरीर 24 नवंबर देर शाम उनके गांव नगरिया गौरौला पहुंचा। परिजनों के अंतिम दर्शन करने के बाद उसे अंत्येष्टि के लिए गांव के शमशान घाट पर ले जाया गया। इसी बीच अलीगढ़ जिले के प्रभारी एवं गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के पहुंचने की सूचना आई और उनके पहुंचने तक करीब डेढ़ घंटा अंत्येष्टि रुकी रही। करीब साढ़े नौ बजे उनके पहुंचने के बाद सचिन के बड़े भाई विवेक लौर ने मुखाग्नि दी।
इससे पूर्व यमुना एक्सप्रेसवे के टप्पल इंटरचेंज पर शुक्रवार शाम पांच सेना की गाड़ी शव लेकर पहुंची। वहां बड़ी संख्या में क्षेत्र और गांव के युवक सचिन के पार्थिव शरीर को तिरंगा यात्रा के साथ लेकर गांव की ओर बढ़े। रास्ते में भारत माता की जय, बलिदानी सचिन अमर रहे के नारे लगते रहे। शवयात्रा जट्टारी के मुख्य बाजार पहुंची तो व्यापारियों, क्षेत्रीय लोगों व आसपास के लोगों की भीड़ सड़क के दोनों ओर खड़ी थी और शवयात्रा पर पुष्प वर्षा की। शाम सात बजे शव सचिन के पैतृक गांव नगरिया गौरौला पहुंचा तो वहां हजारों की संख्या में क्षेत्रीय व गांव के महिला-पुरुष उमड़ पड़े।
शवयात्रा के शमशान पहुंचने के बाद सैनिकों की टुकड़ी ने सचिन लौर को अंतिम सलामी दी तो यहां मौजूद हजारों लोगों की आखें नम हो गईं। इस दौरान सांसद सतीश गौतम, राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान, जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष श्यौराज सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी देहात पलाश बंसल, सीडीओ आकांक्षा राणा व पूर्व सैनिक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
गांव नगरिया गौरौला निवासी सचिन लौर पुत्र रमेश (24) वर्ष 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। फिलहाल वह भारतीय सेना की विशेष यूनिट नौ में पैरा ट्रूपर के पद पर तैनात थे। बीते 22 नवंबर को राजौरी जिले के कालाकोट स्थित बाजीमाल इलाके में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सचिन बलिदान हो गए।