संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले गिरफ्तार आरोपी पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे कर रहे हैं. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि इस पूरी योजना का मास्टरमाइंड ललित झा था और उसने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए तीन प्लान बनाए हुए थे. इसी प्लान के तहत संसद के बाहर भी प्रदर्शन करना इसी का हिस्सा था. सूत्रों के अनुसार ललित झा अपने साथियों के साथ ऐसा कुछ करना चाहता था जिससे की देश में एक बड़ा मैसेज जाए.
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गूगल सर्च से जुटाई थी कई जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 13 दिसंबर को जो लोग संसद भवन परिसर और लोकसभा सदन में घुसे थे उनके पास कुल सात स्मॉग केन थे. मास्टरमाइंड ललित झा ने इन सभी आरोपियों से कहा था कि अगर कुछ बड़ा मैसेज देना है तो संसद परिसर में विरोध करने के साथ-साथ सदन के अंदर भी घुसपैठ करनी होगी. पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला है कि संसद में घुसने से लेकर अन्य कई अहम जानकारियां गूगल पर सर्च करके जुटाई थीं. आरोपियों ने संसद की सुरक्षा से जुड़े पुराने वीडियो भी देखे थे. साथ ही उनके बीच हो रहे चैट्स की जानकारी किसी और को ना मिले इसके लिए वो सिर्फ सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जाएं.
सूत्रों के अनुसार अभी तक हुई पूछताछ के आधार पर ये लोग सेल्फ रेडिक्लाइज लग रहे हैं. जांच में ये बात भी सामने आई है कि इन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कई अन्य युवाओं को भी अपने साथ जोड़ा था. पुलिस अब इस बात का भी पता लगा रही है कि क्या इनके पीछे कोई और तो नहीं है.
अराजकता फैलान था मकसद
पुलिस सूत्रों के अनुसार ललित झा ने पूछताछ के दौरान बताया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के पीछे उसका मकसद अराजकता फैलाने का था. पटियाला हाउस कोर्ट में ललित झा की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने दावा किया आरोपी ललित झा ने माना है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले वह अन्य आरोपियों के साथ कई बार मिल चुका था. अन्य आरोपियों के साथ की गई बैठक में उसने ये पूरा प्लान तैयार किया. सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद ललित झा राजस्थान के नागौर भाग गया. जांच में पता चला है कि कैलाश और महेश कुमावत, जो चचेरे भाई हैं, ने वहां उसके रहने की व्यवस्था की. अब इन दोनों की गिरफ्तारी की भी कोशिशें की जा रही हैं.