नई दिल्ली:
संसद की सुरक्षा में चूक के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्षी सांसद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. मंत्रालय ने एक जांच कमिटी बना दी है. सीआरपीएफ के डीजी अनिश दयाल सिंह कमिटी को लीड करेंगे. लोकसभा सचिवालय ने गृह मंत्रालय से संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच कराने को कहा था.
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13 दिसंबर 2001 में संसद भवन में हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर बुधवार को नए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगी. लोकसभा की विजिटर्स गैलरी में मौजूद दो युवक करीब 1 बजे सदन में कूद गए. उस समय सदन में जीरो आवर (शून्य काल) चल रहा था. दोनों युवक अपने जूते में कलर स्मोक कैन लेकर आए थे. दोनों ने सदन में स्प्रे किया, जिससे वहां पीला धुआं फैल गया. घबराए हुए सांसदों ने इस दौरान युवकों को पकड़ लिया. फिर उन्हें सिक्योरिटी टीम के हवाले कर दिया गया. संसद के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके एक साथी को भी गिरफ्तार किया. मामले में कुल 6 लोग शामिल थे. एक की तलाश जारी है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना की जांच का आदेश दिया है. सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अगुवाई में एक जांच कमिटी बनाई गई है. कमिटी में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हैं.”
संसद की सुरक्षा पर लग रहे सवालिया निशान
नए संसद भवन में एडवांस सीसीटीवी कैमरे, थर्मल इमेजिंग सिस्टम, सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर, एडवांस टेक्नोलॉजी, आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा बल, हाईलेवल फायर अलार्म सिस्टम मौजूद है. नए संसद भवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेकनीक, फेस रिकग्निशन, एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम भी एक्टिव है. बावजूद इसके इस तरह की भारी चूक ने संसद की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं.