बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को संविधान में संशोधन पर पार्टी सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी से उपजे विवाद को खत्म करने की कोशिश करते हुए इसे उनका ‘‘व्यक्तिगत विचार’’ बताया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। कर्नाटक के सांसद की टिप्पणी को लेकर विपक्ष द्वारा सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधने के बीच पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि भाजपा ने हमेशा संवैधानिक लोकाचार और राष्ट्रीय हित के अनुरूप काम किया है।
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘संविधान पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती है। भाजपा देश के संविधान को बनाए रखने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है और हेगड़े से उनकी टिप्पणी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।’’
कांग्रेस ने भाजपा सांसद हेगड़े के बयान के बाद आरोप लगाया कि संविधान को ‘फिर से लिखना और नष्ट करना” भाजपा और आरएसएस का एजेंडा है। हेगड़े ने कहा कि भाजपा को संविधान में संशोधन करने के लिए और ‘‘कांग्रेस द्वारा इसमें जोड़ी गईं अनावश्यक चीजों को हटाने के लिए’’ संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी।
कर्नाटक से छह बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा, ‘‘अगर संविधान में संशोधन करना है, कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर, विशेष रूप से ऐसे कानून लाकर, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है – यदि यह सब बदलना है, तो यह इस (वर्तमान) बहुमत के साथ संभव नहीं है।’’
हेगड़े के आज दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा ‘‘संविधान विरोधी’’ है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘उन्हें ऐसा करने दें, संविधान में संशोधन करें… इससे पता चलता है कि (केंद्र की) भाजपा सरकार और भाजपा सांसद (संविधान निर्माता)बाबासाहेब आंबेडकर के दिए संविधान के खिलाफ हैं।
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