संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में उस समय असहज स्थिति पैदा हो गई जब महिला समानता पर एक के बाद एक 5 पुरुष वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए. सभागार में मौजूद महिलाओं को इस पर असहज होते देखा गया कि महिला समानता को लेकर हो रही इतनी बड़ी चर्चा में लगातार 5 वक्ताओं के बीच एक भी महिला वक्ता को अपने विचार रखने का मौका ही नहीं दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रमुख और अंतिम पुरुष वक्ता एचिम स्टीनर ने मंच पर आकर कहा, “मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ हूं कि मैं इस मंच से आपको संबोधित करने वाला एक और पुरुष वक्ता हूं.” उन्होंने कहा कि उनके पास दो विकल्प थे, “या तो बोलूं ही नहीं या मंच पर आ जाऊं और लैंगिक समानता का समर्थन करूं.” हालांकि, स्टीनर को भी इस बात का आभास हो गया था कि महिला समानता के इस कार्यक्रम में पुरुष वक्ताओं के वर्चस्व से असहज स्थिति बन गई है.
नहीं पहुंची परिषद की महिला अध्यक्ष
संयुक्त राष्ट्र के लिए क्रोएिशया के राजदूत इवान सिमोनोविक इस मंच पर संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद का प्रतिनिधित्व करने वाले तीसरे पुरुष वक्ता थे. उन्होंने परिषद की महिला अध्यक्ष के निजी कारणों से कार्यक्रम में नहीं आ पाने पर खेद प्रकट किया.
6वें नंबर पर आई चेतना गाला
समारोह को संबोधित करने वाली पहली महिला वक्ता चेतना गाला सिन्हा का नंबर छठे स्थान पर आया. चेतना के मंच पर पहुंचने पर उनका जोरदार तालियों के साथ स्वागत किया गया. चेतना ने तीन दशक पहले मुंबई से महाराष्ट्र के एक सूखा प्रभावित गांव में जाकर बैंक शुरू करने में स्थानीय महिलाओं की मदद की थी. उन्होंने कहा, “हमारी महिलाएं सूक्ष्म ऋण से सूक्ष्म उद्यम तक पहुंचना चाहती हैं. महिलाओं के लिए निवेश करने के लिहाज से इससे बेहतर समय नहीं हो सकता.”
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 10:57 IST