संपत्ति के लिए मां को छोड़ा लवारिश, हो गई मौत, फिर बेटा-बेटी को मिली ऐसी सजा कि मांगने लगे रहम की भीख

चंद्रकांत विश्वनाथ
तिरुवनंतपुरम: मां-बाप अपनी संतानों की बेहतर जीवन के लिए क्या-क्या नहीं करते. लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि जब उन्हीं मां-बाप को बुढ़ापे में अपनी संतानों की जरूरत होती है तो वे उन्हें लावारिश छोड़ देते हैं. एक ऐसी ही घटना सामने आई है. एक बुजुर्ग मां को उसके बेटे औरे बेटी ने लावारिश हालत में छोड़ दिया. फिर मां की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया और भाई बहन को ऐसी सजा मिली कि उनकी आने वाली पीढ़ियां याद रखेगी. अब ये दोनों भाई-बहन रहम की भीख मांग रहे हैं.

दरअसल, यह कहानी है दक्षिणी राज्य केरल की. केरल के इडुक्की जिले में एक बुजुर्ग महिला अन्नाकुट्टी मैथ्यू की एक अस्पताल में मौत हो गई. वह 76 वर्ष की थीं और वह अट्टापल्लम कॉलोनी में किराये के एक मकान में अकेले रहती थीं. इस महिला की दो संतानें 55 वर्षीय मालक्कल साजी और 50 वर्षीय सिजी हैं. उस इलाके के पुलिस सब इंस्पेक्टर ने महिला के बेटे से कई बार कहा था कि वह अपनी मां का देखभाल करे. लेकिन उसका कहना था कि वह अपने कुत्तों को घुमाने में काफी बिजी रहता है. अब बुजुर्ग महिला की मौत के बाद पुलिस ने उसके बेटे और बेटी के खिलाफ मेंटेनेंश एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सिनियर सिटिजेन एक्ट, 2007 के तहत मुकदमा दायर किया गया है.

नौकरी से बर्खास्त
मुकदमें के अलावा सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए साजी और उनकी बहन सिजी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. साजी केरल बैंक के कुमिली ब्रांच में एक कलेक्शन एजेंट का काम करता था. वहीं उसकी बहन पंचायत विभाग में अस्थायी रूप से कार्यरत थी. पुलिस ने केरल बैंक से सिजी के बारे में अन्य जानकारियां भी मांगी है.

न्यूज18 से बातचीत में इलाके के डीएसपी वीए निशादमॉन ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और एक विस्तृत रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी गई है. मेंटेनेंश एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सिनियर सिटिजेन कानून के मुताबिक बुजुर्ग लोगों की देखभाल में लापरवाही बरतने पर तीन माह की सजा या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है.

पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करवाया
बुजुर्ग महिला अन्नाकुट्टी की तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से उन्हें शुक्रवार को केट्टायम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया. यह अस्पताल अन्नाकुट्टी के घर से करीब 112 किमी दूर है. लेकिन, शनिवार को अन्नाकुट्टी की मौत हो गई. बुजुर्ग महिला को अस्पताल में भर्ती करवाने पर पुलिस सब इंस्पेक्टर लिजो पी मणि ने उनके बेटे को कई बार फोन किया. फिर बेटे का जवाब आया कि उसे अपने कुत्तों को खाना खिलाना है. इसके बाद इडुक्की के पुलिस प्रमुख प्रतीप टीके ने एक महिला पुलिसकर्मी नसीमा को अस्पताल में तैनात कर दिया.

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जिलाधिकारी ने करवाया अंतिम संस्कार
फिर महिला का अंतिम संस्कार शनिवार को ही पुलिस सब इंस्पेक्टर ने करवाया. इससे पहले महिला का शव बस स्टैंड के पास रखा गया था. वहीं पर इडुक्की की जिलाधिकारी शीबा जॉर्ज और उप जिलाधिकारी अरुण एस नायर सहित सैकड़ों लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. यहीं पर साजी ने भी अन्य लोगों की तरह अपनी मां को श्रद्धांजलि दी. जबकि बेटी सिजी उन्हें देखने भी नहीं आई. पुलिस अधिकारियों ने बुजुर्ग महिला का ताबूत सैंट थॉमस फेरोना चर्च ले गए. वहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार संपन्न होने तक जिलाधिकारी मौके पर मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक बुजुर्ग महिला को जमीन बेचने से जो पैसे मिले थे उसे उन्होंने बेटे साजी को नहीं दिया था. इस कारण वह उनसे नाराज था. वह इन सभी बातों पर पर्दा डालने के लिए अंतिम समय में चर्च पहुंचा था.

Tags: Kerala News

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