संजीवनी बूटी है ये औषधीय पौधा! 13 पत्तों का काढ़ा डेंगू-बुखार को करें खत्म, जोड़ों के दर्द के लिए रामबाण

सनंदन उपाध्याय/बलिया. स्वस्थ मानव जीवन में प्रकृति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. प्रकृति ने एक से बढ़कर एक जीवनदायनी औषधियां प्रदान की है, जो कि संजीवनी बूटी से कम नहीं है. आज हम एक ऐसी ही औषधि के बारे में बात करेंगे, जोकि हर किसी के स्वास्थ्य का श्रृंगार है. दरअसल इस औषधि का नाम ही हरसिंगार है. इसे पारिजात भी कहा जाता है. इस औषधि को ज्वरनाशक के रूप में जाना जाता है. इसके अलाचा यह मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, साइटिका जैसे तमाम पुराने से पुराने दर्द सहित विभिन्न प्रकार के बुखार को जड़ से खत्म कर देती है. इसके फूल भी खासे सुगंधित होते हैं.

बलिया के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि हरसिंगार औषधीय गुणों से भरपूर है. इसे पारिजात भी कहते हैं. साथ ही बताया कि यह न सिर्फ बुखार, साइटिका, डेंगू, मलेरिया बल्कि चिकनगुनिया समेत तमाम रोगों के लिए रामबाण औषधि है.

कई बीमारियों के लिए रामबाण है ये औषधि 
डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि हरसिंगार के पत्ते और छाल किसी संजीवनी से कम नहीं है. यह तमाम बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कामयाब सिद्ध होती है. इसके पुष्प भी काफी सुगंधित होते हैं. यही नहीं, जिस घर में यह पेड़ लगा होता है, उसके आसपास के माहौल को भी सुगंधित कर देता है. यह हरसिंगार ज्वरनाशक के रूप में भी जाना जाता है.

ऐसे करें इस औषधि का प्रयोग
डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि इसके 13 पत्तों को अच्छी तरह से धोकर एक गिलास पानी में उबाल लें. जब यह आधा गिलास हो जाए तो इसको छान कर पीने मात्र से बुखार, डेंगू, मलेरिया, साइटिका ,श्वास और जोड़ों में दर्द जैसे तमाम पुराने से पुराने रोग जड़ से खत्म हो सकते हैं. यह औषधि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए अमृत और रोगियों के लिए वरदान है.

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