संजय सेठ के मैदान में उतरने से दिलचस्प हुआ राज्यसभा चुनाव, समझें वोटों का गणित

हाइलाइट्स

राज्यसभा चुनाव में 11वां प्रत्याशी उतरने के साथ ही अब वोटिंग तय है
बीजेपी की तरफ से आठवें प्रत्याशी के तौर पर संजय सेठ ने नामांकन किया

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 10 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 11वां प्रत्याशी उतरने के साथ ही अब वोटिंग तय है. बीजेपी ने गुरुवार को मौजूदा राज्यसभा सांसद संजय सेठ को आठवें प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारकर समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सपा की तरफ से तीन उम्मीदवार जया बच्चन, अलोक रंजन और रामजी लाल सुमन ने नामांकन किया है. ऐसे में दो प्रत्याशियों के बीच एक सीट के लिए मुकाबला होना है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक राज्यसभा सदस्य को जीतने के लिए 37 विधायको की जरूरत होगी. बीजेपी को 8 प्रत्याशी जिताने के लिए 296 विधायक चाहिए. उसके पास सभी सहयोगी दल +आरएलडी के 9 विधायक+राजा भैया के 2 विधायक मिलाकर 282 होते हैं. यानी उसे 14 एमएलए और चाहिए. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव कुल मिलाकर एक दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. सपा के 3 प्रत्याशियों के लिए 111 एमएलए चाहिए. उसके पास अपने 108 और कांग्रेस के 2 एमएलए यानी 110 हैं. अगर पल्लवी पटेल खिसकेंगी तो 2 एमएलए और चाहिए होंगे. इसके लिए सपा को जोड़तोड़ या दूसरी वरीयता के वोट पर निर्भर होना होगा.

इस वजह से सपा को एडवांटेज
वैसे आरएलडी के कुछ विधायक असल में सपाई हैं, जो आरएलडी के टिकट पर जीते थे. समाजवादी पार्टी उन विधायकों को भी अपनी तरफ करने की कोशिश करेगी. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 विधायकों में से 2 लोग क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं, जिनमें दुधराम और जगदीश नारायण राय शामिल है. 2022 के विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी ने दुधराम और जगदीश नारायण राय को सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़वाया था. यह वह स्थिति है जहां समाजवादी पार्टी को एडवांटेज है, लेकिन तब जब वे इन्हें अपने पाले में कर लें और वे आखिरी समय में न पलटे.

संजय सेठ बोले जीतने के लिए पर्याप्त संख्या है
वैसे बीजेपी ने 8वां प्रत्याशी उतारकर सबको चौंकाया दिया है. संजय सेठ को जीतने के लिए प्रथम वरीयता 12 से 15 विधायक चाहिए होंगे. यह बात साफ है कि विपक्ष में क्रॉस वोटिंग होगी तभी सेठ जीत पाएंगे. राजभर और आरएलडी की भूमिका वैसे महत्वपूर्ण है, लेकिन पुराने सपाइयों की क्रॉस वोटिंग रोकनी होगी. 2 विधायक जेल में होने की वजह से वोट भी नहीं डाल पाएंगे. 4 विधायकों की मृत्यु की वजह से उनकी सीटें भी रिक्त हैं. BSP के 1 MLA की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. 12-15 विपक्षी विधायकों के वोट क्रॉस हुए तभी सेठ के जितने की संभावना प्रबल होगी. हालांकि नामांकन के बाद संजय सेठ ने कहा कि राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए हमारे पास सदस्यों की कमी नहीं. जितनी संख्या की आवश्यकता है वह मौजूद है.

बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त
उधर मंत्री जेपीएस राठौर ने आठवें प्रत्याशी को मैदान में उतारने के पीछे की वजह बताई. उन्होंने कहा कि 7 सदस्यों को जीत दिलाने के बाद भी अतिरक्त संख्या है, इसलिए आठवां प्रत्याशी उतारा गया है. राठौर ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी संख्या की चिंता करे. 27 फ़रवरी को पता चल जाएगा कि किसके पास कितने सदस्य हैं.

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