गया. बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त गुरुवार को अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए गया पहुंचे. दरअसल संजय दत्त ने गया में विष्णुपद के पास अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. अपनी एक दिवसीय गया दौरे के क्रम में फिल्म अभिनेता संजय दत्त गया एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच विष्णुपद मंदिर पहुंचे. विष्णुपद मंदिर के समीप ही उन्होंने अपने पिता सुनील दत्त और मां नर्गिस समेत अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. संजय दत्त अपने गया दौरे के दौरान सफेद रंग के कुर्ता-पजामा पहने हुए थे. उन्होंने गायपाल पंडा अमरनाथ मेहरवार की देखरेख में पिंडदान की प्रक्रिया को पूरा किया.
संजय दत्त ने अपने पिता स्वर्गीय सुनील दत्त माता नरगिस सहित अन्य पितरों का भी पिंडदान किया. उन्होंने विशेष तौर पर फल्गु घाट, वट वृक्ष और देवघाट पर पिंडदान किया. उनके पितरों का पिंडदान अमरनाथ मेहरवार के द्वारा विधिवत रूप से संपन्न कराया गया. पुरोहित अमरनाथ मेहरवार ने बताया कि संजय दत्त अपने कुछ रिश्तेदार और मित्र के साथ विशेष तौर पर गया में पिंडदान करने के लिए ही आए थे. उन्होंने 45 मिनट में पूरा पिंडदान किया.
इस दौरान संजय दत्त के साथ उनके 2 सहयोगी भी गया पहुंचे थे. वहीं संजय दत्त के गया पहुंचने को लेकर गया एयरपोर्ट से लेकर विष्णुपद मंदिर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. इस दौरान गया एयरपोर्ट पर पत्रकारों के द्वारा अयोध्या जाने के सवाल पर संजय दत्त ने साफ-साफ कहा कि हम अयोध्या जरूर जाएंगे, क्यों नहीं जाएंगे. वहीं उन्होंने जय श्री राम के नारे भी लगाए. उन्होंने कहा कि हम गया पिंडदान करने के लिए पहुंचे है.
बता दें, गया में पिंडदान का विशेष महत्व होता है.गया में पिंडदान का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. गरुड़ पुराण के आधारकाण्ड में गया में पिंडदान का महत्व बताया गाया है. मान्यता है कि गया में भगवान राम और सीता ने पिता राजा दशरथ को पिंडदान किया था. यदि इस स्थान पर पितृपक्ष में पिंडदान किया जाए तो पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि यहां पर पितृ देवता के रूप में स्वयं विराजमान रहते हैं. इसी लिए इसे पितृ तीर्थ भी कहा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 16:58 IST