नई दिल्ली :
जयपुर में श्री राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की उनके घर पर की गई नृशंस हत्या के मामले में मुख्य संदिग्ध अशोक मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस केस में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एंटी टेरर एजेंसी एनआईए की तीन टीमों ने आज राजस्थान के पिलानी के एक गांव में लगभग 10 घंटे तक छापेमारी की. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से राजस्थान और हरियाणा में कुल मिलाकर 31 स्थानों पर छापे मारे गए.
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एनआईए की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि छापेमारी में बड़ी संख्या में पिस्तौल, गोला-बारूद, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और डीवीआर और अन्य डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ आर्थिक लेनदेन से जुड़े अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए.
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने अशोक मेघवाल के पास से आठ अवैध हथियार बरामद किए. अधिकारियों ने जब मेघवाल से पूछताछ की तो उन्हें अन्य 22 हथियारों की डिलीवरी के बारे में भी पता चला.
मेघवाल कथित तौर पर गैंगस्टर रोहित गोदारा के संपर्क में था. गोदारा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ा है और उसने हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
घटना वाले दिन प्रमुख राजपूत नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी दोपहर में अपने जयपुर में अपने घर पर चार लोगों के साथ चाय पी रहे थे. इसी बीच अचानक उनमें से दो लोग उठे और गोगामेड़ी पर अंधाधुंध गोलियां दाग दीं. इसके बाद वे गोगामेड़ी को फर्श पर खून से लथपथ पड़ा छोड़कर भाग गए थे.
गोलीबारी के दौरान तीन शूटरों में से एक की मौत हो गई थी, जिसकी पहचान नवीन सिंह शेखावत के रूप में हुई थी. गोलीबारी में गोगामेड़ी का सिक्यूरिटी गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया था.
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई दोनों गिरोहों से करीबी तौर पर जुड़े रोहित गोदारा ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. गोदारा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं रोहित गोदारा कपूरसारी, गोल्डी बरार का भाई हूं. आज हम सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. वह (गोगामेड़ी) हमारे दुश्मनों का समर्थन करते थे.”
पुलिस के मुताबिक, गोदारा राजस्थान में व्यवसायियों से रंगदारी वसूलता रहा है. वह किसी से भी पांच करोड़ से 17 करोड़ रुपये की मांग करता है. पिछले साल 13 जून को गोदारा ‘पवन कुमार’ के नाम से फर्जी पासपोर्ट पर दिल्ली से दुबई भाग गया था. उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस सर्कुलर है.