श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला : कृष्णकूप के पूजा के अधिकार की मांग, 13 मार्च को होगी सुनवाई

मथुरा. श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कृष्णकूप के पूजा के अधिकार की मांग रखी गई है. मुस्लिम पक्ष कृष्णकूप पर हिंदुओं को पूजा करने का विरोध करता है. पिछली बार भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद हिंदू पक्ष ने पूजन किया था. इस मामले में 13 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियों के पास बने हुए कुंए को कृष्णकूप होने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि भगवान श्री कृष्ण के प्रपोत्र बज्रनाभ ने इस कुएं का निर्माण कराया था, इस कुएं पर बच्चों के मुंडन और होली के बाद बासोडा के दिन (ब्रज में  होली के बाद माता शीतला की पूजा का  त्योहार) पर इस कुएं की पूजा का प्रचलन है.

पिछली बार शाही ईदगाह पक्ष के लोगों ने हिंदू पक्ष की महिलाओं के पूजा का विरोध किया था. प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से पुलिस फोर्स की तैनाती के बाद कृष्णकूप पर हिंदुओं को पूजा कराई थी. श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार और श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष की अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि होली का पर्व नजदीक है. होली के बाद जब बासोडा का त्योहार आएगा तो हिंदू लोग वहां पर पूजा करने के लिए जाएंगे. वहां पर किसी तरह का कोई व्यवधान पैदा ना हो जैसा पिछली बार हुआ था. सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्हें सही तरीके से पूजा का अधिकार दिया जाए.

प्राचीन परंपरा को मुस्लिम पक्ष रोकने का प्रयास कर रहा
कृष्णकूप के पूजा पर रोक का कोई भी आदेश ना तो प्रशासन की तरफ से है और ना ही कोर्ट की तरफ से फिर बिना वजह जो प्राचीन काल से परंपरा चली आ रही है उसको मुस्लिम पक्ष रोकने का प्रयास कर रहा है. इसी विषय को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है और उसमें कृष्णकूप पर पूजा के अधिकार की मांग रखी है. अब शाही ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियां में कृष्ण कूप होने का दावा किया है.

विवाद सुर्खियों में आने के बाद हिंदू पक्ष को रोका जा रहा
लगातार हिंदू पक्ष प्राचीन काल से इस कुएं पर पूजा करने के लिए भी आता जाता रहा है. जब से शाही ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद सुर्खियों में आया है तब से मुस्लिम पक्ष की तरफ से उस कुएं पर पूजा के लिए विरोध सामने आ रहा है. अब साधु संत और हिंदू संगठनों की मांग उठी है कि जल्द ही अब उन्हें कृष्ण कूप पर पूजा का अधिकार मिलेगा.

बिना किसी आदेश के 24 साल तक बंद रखा
जिस तरह श्री कृष्ण जन्म स्थान के अंदर स्थित शाही ईदगाह से सटी केशव वाटिका को बिना किसी आदेश के 24 साल तक बंद रखा था. सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद केशव वाटिका को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था. योगी आदित्यनाथ ने केशव वाटिका पर लगे ताले की जानकारी शासन प्रशासन से ली थी कि आखिर किसके आदेश से ऐसा हुआ? इसकी जांच के बाद बताया गया था कि कोई भी लिखित आदेश किसी के पास नहीं था. केवल पिछली सरकार में प्रभाव के कारण अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि में स्थित शाही ईदगाह से सटी केशव वाटिका का ताला बंद कर दिया था.

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला : कृष्णकूप के पूजा के अधिकार की मांग, 13 मार्च को होगी सुनवाई

कृष्णकूप पर लगी पाबंदी भी हिंदुओं के लिए जल्द खुले, 13 मार्च को होगी
अब हिंदू पक्ष को उम्मीद लगी है कि कृष्ण वाटिका के बाद अब कृष्णकूप पर लगी पाबंदी भी हिंदुओं के लिए जल्द खुलेगी. इससे वहां पर वह प्राचीन परंपरा का निर्वहन कर सकेंगे और पूजा कर सकेंगे, और उन्हें पूजा का अधिकार मिल सकेगा. सीढ़ियों में कृष्णकूप होने का दावा हिंदू पक्ष को श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में और मजबूती प्रदान करता है. हिंदू पक्ष इस कृष्णकूप पर निर्विघ्न पूजा के अधिकार की मांग उठा रहा है. हालांकि इस कृष्णकूप पर हिंदू लगातार अब तक पूजा करते रहे हैं, लेकिन मुस्लिम पक्ष उसका विरोध करता है. इस पूरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए 13 मार्च की तारीख तय की है.

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