शोभा देवी से सीखिए 400 रुपए में शुरू किया व्यवसाय,हर महीने कमा रही हैं 75 हजार

रिपोर्ट-नीरज कुमार
बेगूसराय. आज हम आपको बिहार की एक ऐसी महिला की कहानी बता रहे हैं जो पूरे समाज को राह दिखा रही है. ये पुरुषों के दबदबे वाले व्यवसाय में कदम रखकर अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गयी है और अन्य महिलाओं को भी जीना सिखा रही है. इन महिलाओं की मदद सरकार भी कर रही है.

बिहार की महिलाएं कृषि से जुड़ा हर काम तो पहले से कर ही रही थीं. अब उससे आगे भी बढ़ गयी हैं. बात अगर बिहार के बेगूसराय जिले की हो, तो यहां की महिलाएं अब मुर्गी पालन भी करने लगी हैं. इस काम में उन्हें सरकार से भी मदद मिल रही है. जीविका की मदद से आईपीएस के तीसरे फेज में देसी मुर्गा पालन पर भी जोड़ दिया गया है. इस योजना के लिए जिले के भगवानपुर प्रखंड के महेशपुर गांव का चयन किया गया है. योजना के तहत महिलाओं को देसी मुर्गी पालन के संबंधित जरूरी मदद दी जाती है.

ऐसे हुई शुरुआत
सफलता की ये कहानी महेशपुर गांव में रहने वाली शोभा देवी की है. वो मुर्गी पालन कर रही हैं और अच्छा खासा कमा रही हैं. उन्होंने लोकल 18 को बताया सरकारी योजना में उन्होंने मुर्गी पालन के लिए आवेदन दिया और फिर अनुदान में 400 रुपए मिले. इन पैसों से वो मुर्गा-मुर्गी ले आय़ीं और पालना शुरू किया. शुरुआत 45 देसी मुर्गा-मुर्गी से की.

ये भी पढ़ें- Railway Alert : बिहार की कई ट्रेनों के रूट बदले, कुछ कैंसिल, नया शेड्यूल देखकर यात्रा पर निकलें

मुर्गा के लिए छत पर हरा चारा
मुर्गी पालन कोई कठिन काम नहीं. मुर्गियों के लिए दड़बे बना रखे हैं. उसमें भी कोई खास खर्च नहीं आता. रही बात चारे की तो मुर्गियों को हरा चारा और मामूली दाना खिलाती हैं. शोभा सिंह ने छत पर ही फूल वाले गमले और टूटे-फूटे बड़े डिब्बों में मिट्टी डालकर मकई लगा दी है. इससे मुर्गी को हमेशा खाना मिलता रहता है. उन्होंने अभी कड़कनाथ, सोनाली और एफएफजी प्रजाति के देसी मुर्गा-मुर्गी पाल रखे हैं. इसमें से मुर्गे को मीट के रूप में बेच लेती हैं, जबकि मुर्गी से अंडा और चूजे तैयार करती हैं. शोभा ने बताया सोनाली ब्रीड की मुर्गियां भी देसी मुर्गी की तरह होती हैं. लेकिन, यह देसी मुर्गी की तुलना में अधिक अंडे देती हैं. इसका वजन भी अधिक होता है. इसके अलावा इन मुर्गियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पोल्ट्री वाली मुर्गी की तुलना में बेहतर होती है.

रोजाना 2500 आमदनी
शोभा देवी अपनी सफलता की कहानी खुद बताती हैं. वो पिछले 6 माह से वह देसी मुर्गा पालन कर रही हैं. 45 मुर्गा-मुर्गी से उन्होंने काम शुरू किया था. अब उनके फार्म में 60 मुर्गा-मुर्गी हैं. शोभा ने बताया बाजार में देसी मुर्गी का एक अंडा 25 रुपए में बिकता है. वो रोजाना 300 से 500 रुपए के अंडे और कम से कम एक मुर्गा बेचकर रोजाना 2500 रुपए तक कमा लेती हैं. इसी तरह इस गांव की 10 अन्य महिलाएं भी स्वरोजगार कर रही हैं.

Tags: Begusarai news, Food business, Local18, Poultry Farm, Womens Success Story

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *