धीरज कुमार/मधेपुरा : चाय के व्यापार ने देश में लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है. ऐसा ही कुछ बदलाव बिहार के मधेपुरा के कर्पूरी चौक के रहने वाले शशि कुमार के साथ हुआ. शशि 8 साल पहले दिल्ली के आनंद विहार स्थित होटल में शेफ की नौकरी करते थे, लेकिन शेफ की नौकरी से आमदनी इतनी नहीं हो पाती थी कि घर परिवार का जीवकोपार्जन अच्छे से चल पाता है. ऐसे में शशि ने नौकरी छोड़ अपने शहर में चाय बेचना शुरू किया. आज शहर में वह चाय का ब्रांड बन चुके हैं. शहर के कर्पूरी चौक पर शशि की चाय की दुकान है. वहीं चाय पीने आयें कई ग्राहक बताते हैं कि शशि जिस दिन दुकान नहीं खोलता है, तो कर्पूरी चौक पर ख़ामोशी छा जाती है. लोग इनके चाय के दीवाने हो चुके हैं.
रोज हजारों कप चाय आसानी से है बिक जाती
लोकल 18 बिहार से बात करते हुए शशि ने बताया कि पहले वह शेफ की नौकरी करता था, लेकिन अब अपने इस चाय के व्यापार से काफ़ी ख़ुश हूं. हर रोज हजारों कप चाय आसानी से बिक जाती है. कमाई भी अच्छी हो जाती है. शेफ की नौकरी से खुद का व्यापार बेहतर है. ग्राहकों का दावा कोसी में इनसे बेहतर चाय आपने नहीं पी होगी.
यूं तो मधेपुरा में सैकड़ों छोटी-बड़ी चाय की दुकान है लेकिन चाय पीने आयें कई ग्राहक बताते हैं कि शशि भाई के जैसा चाय मधेपुरा ही नहीं बल्कि कोसी क्षेत्र में कोई नहीं बनाता है. चायपत्ती, चीनी, इलायची और दूध से तैयार शशि की चाय पीने के लिए हर रोज ग्राहकों का जमावड़ा लगता है. लोग इनके चाय को काफी पसंद कर रहे हैं.
8 साल में बन चुका है ब्रांड
मधेपुरा में चाय की दुकान तो सैकड़ों है लेकिन 8 सालों से चाय बेच रहे शशि अब हर किसी के जुबां पर है. मधेपुरा समेत सहरसा पूर्णिया के लोग भी इनके चाय पीने के लिए आते हैं. वही इनके यहां चाय की रेट 7 रुपया और कुल्हड़ वाली चाय का 10 में एक कप मिलती है. महीने का खर्च और स्टॉफ को देकर 70- 80 हजार लाख की बचत होती है.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 19:24 IST