अभिनव कुमार/दरभंगा. मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही इंसानों पर कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर से ठंड के मौसम में बच्चों से लेकर बूढ़े तक में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. इस कारण कई बार लोगों की जान भी चली जाती है. पूरे विश्व में और भारत में भी बीमारियों से होने वाली मौत के आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा हार्ट अटैक से लोगों की मृत्यु होती है. हालांकि, हार्ट अटैक के कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जिसके दिखने के साथ ही आपको तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए.
सर्दियों के मौसम में अपने आप को सुरक्षित रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि अन्य बीमारियों के साथ हार्ट अटैक के भी मामले इसी मौसम में सामने आते हैं. इसके पीछे के कारण और बचाव को लेकर दरभंगा के फेमस DM (कार्डियोलॉजिस्ट) डॉ. ज्योति प्रकाश कर्ण से हमने बात की. डॉ. कर्ण बताते हैं कि आजकल देखा जा रहा है कि हर मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है. खासकर कोरोना के बाद इसमें बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है. लेकिन हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा ठंड में होता है. डॉ. कर्ण बताते हैं कि इसका प्रमुख कारण यह है कि ठंड के समय लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ब्लड प्रेशर बढ़ने पर अटैक के साथ कैप्चर होता है. इस कारण से क्लाउड बन जाता है. इससे हार्ट के अंदर उसके चांस काफी बढ़ जाते हैं.
ये लक्षण दिखने पर पहुंच जाएं डॉक्टर के पास
उन्होंने बताया कि जब मौसम बदलता है, तो आमतौर लोग ठंड से बचाव को लेकर लापरवाह बने रहते हैं. लोग सोचते हैं कि अभी ठंड नहीं है, लेकिन, ऐसा नहीं है. शुरुआती दिनों से ही हमें ठंड को लेकर अलर्ट रहना चाहिए. जो बुजुर्ग हैं या जिनको हार्ट की बीमारी है या हार्ट प्रॉब्लम की हिस्ट्री रही है, उन्हें ठंड से पूरा बचकर रहना चाहिए. बेवजह घर से बाहर ठंड में न निकलें, क्योंकि विश्व में और भारत में भी सबसे ज्यादा मौत का कारण हार्ट अटैक ही है. यह किसी को भी हो सकता है. इसके लक्षण को कभी भी नजरअंदाज नहीं करें. डॉ. कर्ण बताते हैं कि आपको कभी भी लगे कि सीने में दर्द हो रहा है, दम घुट रहा है या छाती के पास गैस जैसा बन रहा है, तो तत्काल अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह लें.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2023, 12:22 IST