अर्पित बड़कुल/दमोह: कहीं भी उग आने वाला बारामासी या सदाबहार के पौधे को लोग जंगली कहते हैं. इसके फूल में न ही सुगंध होती है और न ही इसे भगवान को अर्पित किया जाता है. लेकिन, आयुर्वेद में इस फूल को औषधीय गुणों की खान बताया गया है. इस सदाबहार पौधे की हरी पत्तियों का भी आयुर्वेद चिकित्सा में काफी महत्व है.
इसके अलावा पारंपरिक चिकित्सा में भी सदाबहार के फूल और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसका फूल रामबाण इलाज माना जाता है. ग्रामीण ही नहीं, शहरी इलाकों में भी यह पौधा खूब मिलेगा, जिसमें फूल हर मौसम में खिला रहता है.
हर्बल ट्रीटमेंट है सदाबहार
मधुमेह एक मेटाबॉलिक कफ प्रकार का विकार है, जिसमें पाचन अग्नि कम होने लगती है. इस कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़े लगता है. ब्लड शुगर में स्पाइक्स को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेद सदाबहार नाम के फूल का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. वैसे सदाबहार पौधे का उपयोग आयुर्वेद और चीनी दवाओं में लंबे समय से किया जाता रहा है. यह मधुमेह, मलेरिया, गले में खराश और ल्यूकेमिया जैसी स्थितियों में सुधार लाने के लिए हर्बल ट्रीटमेंट है.
रोज चबाएं इतनी फूल-पत्ती
आयुर्वेद के जानकार और काफी लंबे समय से आयुर्वेदिक पेड़-पौधों की देखरेख करने वाले विनोद शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए सदाबहार का यह पौधा काफी कारगर है. डायबिटीज और बीपी के मरीजों के लिए इसके पत्ते और फूल शर्तिया दवा हैं. प्रतिदिन 2 से 3 पत्तियां और फूल सुबह-शाम चबाने से डायबिटीज और बीपी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 20, 2023, 14:44 IST