रूपांशु चौधरी/हजारीबाग.मार्च के महीने में महाशिवरात्रि और होली का पर्व है. इन दोनों पर्व में पुआ पकवान का बहुत अधिक डिमांड होती है. इस त्योहार में लोग तरह-तरह के मिठाई खाने के अलावा को अपने प्रियजनो को भेंट करते है. ऐसे में हजारीबाग में शिवरात्री से लेकर होली तक अनरसा मिठाई की डिमांड बढ़ जाता है. वैसे तो अनरसा मिठाई को बिहार के गया जिले का मिठाई माना जाता है, लेकिन हजारीबाग में भी इसके कई दुकान उपलब्ध है. हजारीबाग के कालीबाड़ी चौक पर स्थित श्रीराम अनरसा भंडार में पिछले 25 सालों से अनरसा का स्वाद परोसा जा रहा है.
हजारीबाग के मालवीय मार्ग में श्री राम अनरसा भंडार के संचालक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि हजारीबाग में सर्वप्रथम उनके पिता ने 25 साल पहले अनरसा की दुकान का संचालन शुरू किया था. उनके दुकान की अनरसा मिठाई काफी प्रचलित है. इसका स्वाद लेने के लिए लोग दूर-दूर से उनकी दुकान पर आते हैं. इसके साथ ही कई लोग पैक करवा के भी ले जाते है. अभी इस मिठाई की कीमत 300 रुपए किलो और 15 रुपए पीस है.
अनारसा बनने की है खास विधि
खाजा गली में एक दुकान के संचालक गोपाल प्रसाद गुप्ता ने कहा कि सबसे पहले बासमती चावल को अच्छे से धोकर उसे मिक्सर में हल्का दरदरा पीसा जाता है. पीसे हुए चावल में मैदा और चीनी का सिरा मिलाकर भून कर लुई तैयार की जाती है. उसी प्रकार खोया को भी चाशनी में भूना जाता है. उसके बाद तैयार लुई में खोवा भरकर, तिल में लपेटकर गर्म तेल में छोड़ दिया जाता है. फिर 5 मिनट में यह पक जाता है. फिर ये ग्राहक के लिए तैयार हो जाता है.
हिंदू धर्म में खास महत्व
शिव मंदिर डामोडीह के मुख्य पूजारी संजीव बताते हैं कि शास्त्र के अनुसार अनरसा का धार्मिक महत्व है. यह मिठाई देवताओं का अति प्रिय है. इसे संस्कृत में अपूप बोला जाता है. चावल के आटे में शक्कर और सफेद तिल मिलाकर इसे तैयार किया जाता है. पूजा पाठ के विधि में इसका उपयोग दान के स्वरूप दिया जाता है. शास्त्र के अनुसार अपूप या अनरसा दान करने से अत्यंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
कैसे पहुंचें
इस अनरसा का स्वाद लेने के लिए आपको हजारीबाग के कालीबाड़ी चौक पर आना होगा. कालीबाड़ी चौक मालवीय मार्ग में स्थित है. यहां आने के लिए आप गूगल मैप का सहारा ले सकते हैं आपकी मदद के लिए लिंक नीचे दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : February 24, 2024, 13:56 IST