शिल्प मेले में लकड़ी के खिलौने बने आकर्षण के केंद्र, जानिए इनकी खासियत

रजनीश यादव /प्रयागराज: वैसे तो लकड़ी के बने वस्तुओं के लिए उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला विश्व विख्यात है, लेकिन अगर बात की जाए रंग-बिरंगे छोटे-छोटे खिलौने के तो इस मामले में देश का केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी बहुत आगे है. प्रयागराज के उत्तर मध्य संस्कृतिक केंद्र में लगे शिल्प मेले में पुडुचेरी के असगर अली लकड़ी के खिलौने की स्टाल लगाए हैं जो पूरे शिल्प मेले में बच्चों के लिए सबसे आकर्षित दुकान है.

भारत के सुदूर दक्षिण में स्थित पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है. वहां पर बने रंग-बिरंगे छोटे खिलौने बच्चों को खूब भा रहे हैं. इन खिलौनों की खासियत यह है कि यह हल्की लकड़ी से बनाए जाते हैं. इसको बनाने में नीम शिव शाम पीपल यूकेलिप्टस जैसे पेड़ की हल्की लकड़ी से बनाया जाता है. इन खिलौनों का वजन भी बहुत कम होता है. यह प्लास्टिक खिलौने की भांति ही रंग-बिरंगे व चमकीले होते हैं. असगर अली बताते हैं कि यह खिलौने उनका पूरा परिवार मिलकर तैयार करता है.

कौन-कौन से हैं खिलौने

बच्चों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए हर प्रकार के खिलौने बनाए गए हैं. जैसे लकड़ी की तलवार ₹300 में ,गाड़ी ₹500 में ,अबेकस ₹500 में, लकड़ी की बनी मछली व्हेल ₹500 में, लकड़ी से बने छल्ले ₹50 में मिल जाएंगे. इसके साथ लकड़ी से बनी गुलेल, लट्टू ,कार, मोटरसाइकिल भी उपलब्ध है.

कैसे लाते हैं प्रयागराज

असगर अली बताते हैं कि पांडिचेरी से बहुत दूर है इलाहाबाद. यहां लाने के लिए वह अपने सामान को कोरियर कर देते हैं. जिसके द्वारा या खिलौने प्रयागराज जाकर पहुंच जाते हैं. हर साल सिर्फ मेले में इनकी या दुकान लगती है.

कब तक रहेगा यह मेला

प्रयागराज के उत्तर मध्य संस्कृतिक केंद्र में लगाया मेल 8 नवंबर तक रहेगा. इस मेले में प्रवेश के लिए आपको ₹10 का टिकट लेना पड़ता है. मेले में देश के कोने-कोने से फेमस चीज आई हुई है जिसको आप खरीद कर अपने घर की शोभा बढ़ा सकते हैं.

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