शिक्षक ने की नसबंदी की शिकायत, वायरल किए दस्तावेज, हो गए सस्पेंड

आगर-मालवा. मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां नसबंदी की झूठी शिकायत करना एक शिक्षक को महंगा पड़ गया. झूठी शिकायत के कारण जांच के बाद कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने माध्यमिक विद्यालय बड़ागांव के सहायक शिक्षक पन्नालाल वर्मा को निलंबित कर दिया है. जानकारी के अनुसार नलखेड़ा विकासखंड कार्यालय में कार्यरत लेखापाल की पत्नी के नसबंदी ऑपरेशन के प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर शिक्षक पन्नालाल वर्मा ने शिकायत कर जांच और निलंबन की मांग की थी.

शिक्षक के अनुसार लेखापाल ने फर्जी एलटीटी प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के नियम से एक विशेष वेतन वृद्धि का लाभ लिया है, जिसकी वसूली की मांग की थी. साथ ही शिक्षक द्वारा इन प्रमाण पत्रों को सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक रूप से वायरल कर दिया था.

निलंबित हो गए शिक्षक

मामले में शिकायत के आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन और जिला शिक्षा कार्यालय आगर के संयुक्त दल द्वारा जांच की गई. इसमें शिक्षक पन्नालाल ऐसे कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सक,  जिससे यह साबित हो कि प्रमाण पत्र फर्जी है.
शिक्षक ने की नसबंदी की शिकायत, लेखापाल की पत्नी पर लगाया आरोप, वायरल किए दस्तावेज, हो गए सस्पेंड

जांच में शिकायत झूठी पाए जाने और समाज मे लेखापाल और उसकी पत्नी की छवि धूमिल करने के आरोप में शिक्षक पन्नालाल वर्मा को निलंबित किया गया है.

क्या है नसबंदी प्रमाण पत्र के लाभ
शासन के नियमानुसार अगर कोई शासकीय सेवक 2 बच्चो पंर अपनी खुद की या अपनी पत्नी की नसबंदी करवाते है तो उन्हें उनके प्राप्त वेतन में एक विशेष वेतन वृद्धि का लाभ मिलता है. इसी नियम के तहत अनिल सोनी ने अपने दो बच्चों के बाद पत्नी का दिनांक 26 दिसंबर 2014 को नसबंदी ऑपरेशन करवाया था. शासन के नियम से एक विशेष वेतन वृद्धि का लाभ उन्होंने लिया था. पन्नालाल वर्मा द्वारा इसी लाभ को झूठा बात कर अनिल सोनी की वेतन की वसूली और कार्रवाई के लिए शिकायत की गई थी.

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