हाइलाइट्स
ताजमहल का दीदार करने हर साल लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक भारत आते हैं
ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज की याद में मुगल काल में बनवाया था
आगरा: ताजमहल दुनिया के सबसे चर्चित ट्यूरिस्ट प्लेस में से एक है. ताजमहल (Taj Mahal) का दीदार करने हर साल लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक भारत आते हैं. ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज की याद में मुगल काल में बनवाया था. लेकिन क्या आप जानते हैं. शाहजहां किस रास्ते से गुजर कर ताजमहल आया करता था?
अब तक आपने दुनिया के सातवें अजूबा आगरा के ताजमहल के कई किस्से-कहानियां सुने होंगे. लेकिन आपको हम आज ताजमहल से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताएंगे, जिसे सुन आप हैरत में पड़ जाएंगे. जी हां, क्या कभी आपने सोचा है कि बादशाह शाहजहां ताजमहल के मकबरे तक कैसे पहुंचते थे?
कितना समय लगा था ताजमहल के निर्माण में?
आपको बता दें, ताजमहल यमुना नदी के दाहिने किनारे पर स्थिति है. इतिहासकारों की मानें, तो शाहजहां ने इस मकबरे की शुरुआत 1632 में अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज़ की याद में करवाया था. ताजमहल के निर्माण में कुल 22 साल का समय लग गया था.
शाहजहां कैसे पहुंचते थे ताजमहल?
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, शाहजहां आमतौर पर यमुना के रास्ते होकर नांव पर ताजमहल पहुंचते थे. इसके बाद वह घाट पर बनी सीढ़ियों पर उतरते थे और मकबरे में दाखिल हो जाते थे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ताजमहल को यमुना नदी के किनारे इसलिए बनवाया था ताकि ताजमहल के बागों की सिंचाई के लिए पानी कम न पड़े.
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FIRST PUBLISHED : February 14, 2024, 13:21 IST