नकुल कुमार/पूर्वी चम्पारण. एक जमाना था जब दूल्हा पालकी में बैठकर अपनी दुल्हनिया को लाने के लिए ससुराल जाता था. बदलते समय के साथ बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी एवं मारुति 800 से लेकर लग्जरी गाड़ियों एवं ठेला गाड़ी लाइट रथ तक ट्रेंड में रहा. लेकिन समय इतनी तेजी से बदला कि अब दूल्हा राजा बाहुबली बग्घी के साथ बारात लेकर जाने लगे हैं. यूं तो पूर्वी चंपारण के कई हिस्सों में बाहुबली बग्घी मिलती है, लेकिन राजस्थानी बाहुबली बग्घी शाही रथ की सवारी करनी हो तो मोतिहारी से मधुबनी घाट पकड़ीदयाल रोड में 10 किलोमीटर तक आपको बिना ढूंढे बाहुबली बग्घी मिल जाएगी.
बाहुबली बग्घी शाही रथ के प्रोपराइटर ओमप्रकाश ने बताया कि मार्केट में बहुत सारे रथ बाहुबली के नाम से चल रहे हैं, लेकिन ओरिजिनल बाहुबली बग्घी मेरे पास है. मेरे पास पांच राजस्थानी बाहुबली बग्घी शाही रथ है. जिसमें हर रंग के घोड़े जोते जा सकते हैं. यह बग्घी इतना इकोनामिक एवं सुलभ है कि हर कोई फोर व्हीलर अथवा रथ की अपेक्षा इसे महत्व दे रहा है. वे कहते हैं कि हमारे यहां ऑफ सीजन में 10 हजार, तो वहीं सीजन में 12 हजार से 22 हजार तक की राजस्थानी बाहुबली बग्घी शाही रथ की बुकिंग की जाती है.
बग्घी के साथ क्या-क्या मिलता है
प्रोपराइटर ओमप्रकाश कहते हैं कि हमारे यहां बग्घी की बुकिंग कराने पर बग्घी के साथ दो जुते हुए घोड़े, बग्घी में लाइट जलाने के लिए एक जेनेरेटर व एक आदमी दिया जाता है. वहीं, बग्घी पर दूल्हे के बैठने के लिए गद्दा भी लगा रहता है. दूसरी ओर रोड लाइट के तौर पर परी लाइट, राधा-कृष्ण लाइट अथवा गणेशा लाइट अलग से लेना होता है. शादी में एक दुल्हा-एक दुल्हन के कांसेप्ट पर बग्घी दी जाती है. अर्थात एक बारात के लिए संध्या 5 बजे से लड़की के दरवाजे पर बारात लगने तक के लिए बग्घी की बुकिंग की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : June 17, 2023, 23:34 IST