मोहित राठौर/शाजापुर. देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, और इनके उच्च मूल्यों का सीधा प्रभाव आम लोगों की जीवनशैली पर हो रहा है. इसके साथ ही, पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के इंजन से निकलने वाले प्रदूषण भी ग्राविटी की ओर बढ़ रहे हैं. सरकार इस समस्या को खत्म करने की ओर एक कदम बढ़ाती हुई है और अब इथेनॉल पर काम कर रही है. अब इथेनॉल ईंधन के माध्यम से वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे, और पेट्रोल और डीजल में 20 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण किया जा रहा है. इस प्रयास के तहत, शाजापुर के पेट्रोल पंपों में भी इथेनॉल युक्त पेट्रोल का प्रयोग किया जा रहा है.
इलेक्ट्रिक और डीजल पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बारे में जानकारी सभी को है, लेकिन इथेनॉल ईंधन के संबंध में जानकारी की कमी है, जिसका प्रभाव देश की महंगाई और प्रदूषण पर हो रहा है. इस परिस्थिति को देखते हुए भारत सरकार अब लोगों को इथेनॉल ईंधन के बारे में जानकारी दे रही है और जागरूकता फैला रही है. इसके साथ ही, सरकार दो पहिये वाहनों को इथेनॉल ईंधन पर चलाने पर काम कर रही है, जिससे महंगाई और प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.
इथेनॉल ईंधन के फायदे….
इथेनॉल ईंधन अन्य किसी भी प्रकार की ईंधन की तुलना में काफी सस्ता होता है, और इसका मुख्य कारण है कि यह गन्ने और मकई की खेती से बनाया जाता है, जो कि आसानी से मिलते हैं. इथेनॉल ईंधन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पर्यावरण को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाता. पेट्रोल या डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन की तुलना में, यह प्रदूषण को कम करने में मददगार है, और साथ ही ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद करता है. इसकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं है, और इसका उपयोग जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है, और बंजर या अप्रयुक्त कृषि भूमि का भी उपयोग इसमें किया जा सकता है.
इथेनॉल ईंधन का नुकसान
आसवन प्रक्रिया पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होती है, जो इथेनॉल ईंधन में होती है. इसके साथ ही, इसके उत्पादन के लिए बड़ी भूमि की भी आवश्यकता होती है, और इसका प्रभाव खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि इथेनॉल का उत्पादन गन्ने और अन्य खाद्य सामग्री से किया जाता है, और इस प्रक्रिया में पानी की कमी उत्पन्न हो सकती है.
इथेनॉल ईंधन भविष्य का एक महत्वपूर्ण ईंधन है, जो हमारे वाहनों को प्रदूषण मुक्त बनाएगा, और इसके उपयोग से होने वाले फायदे के संबंध में है. यह एक प्रकार का ईंधन है जो पेट्रोल के साथ मिलकर वाहनों के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगा, और इसी कारण भारत सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर बेचने पर काम किया जा रहा है. इससे देश को महंगे तेल के आयात पर कम निर्भरता होगा. अगर इथेनॉल का प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में होता है तो पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार तेल कंपनियां 20 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण के साथ ही पेट्रोल बेच सकेंगीं.
इथेनॉल वाहनों के लिए क्यों जरूरी है
इथेनॉल एक इको-फ्रेंडली ईंधन है और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है. यह फ्यूल गन्ने से तैयार किया जाता है. शाजापुर में इसकी शुरुआत पेट्रोल पंप पर कर दी गई है, और वहीं लोगों को इस इथेनॉल ईंधन के बारे में समझाया जा रहा है. इस मामले में, जब हमने खाद्य अधिकारी से बात की और पूरे मामले को जानना चाहा, तो उन्होंने हमें इसे मौखिक तौर पर समझाया और कई जानकारियां इस बारे में दीं. अब देखना यही है कि भारत में इस ईंधन की सफलता होती है या नहीं.
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FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 20:15 IST