रिपोर्ट-श्रवण कुमार महंत
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही दिन बचे हैं. सरगुजा संभाग में हाथी शांति पूर्ण मतदान में अड़चन बन सकते हैं. संभाग के कई इलाकों में हाथियों की आमद बारह महीने रहती है. ऐसे में यहां मतदान कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. प्रशासन की चुनावी तैयारी में इन हाथियों को यहां से खदेड़ना भी शामिल है.
छत्तीसगढ़ में दो चरणों 7 और 17 नवंबर को मतदान है. चुनाव के लिए राजनीतिक दल और चुनाव आयोग सब तैयार हैं. लेकिन प्रदेश के अंबिकापुर में एक अजब समस्या इन दोनों के सामने है. ये समस्या यहां घूमने वाले हाथी खड़ी कर रहे हैं.
सालभर हाथियों की आमद
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने में कुछ ही दिनों का समय बचा है. ऐसे में सरगुजा संभाग के कई इलाकों में हांथी शांति पूर्ण मतदान कराने में अड़चन पैदा कर रहे हैं. सरगुजा संभाग के कई इलाकों में हाथियों का आमद बारहों महीना रहता है. ऐसे में यहां मतदान कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. चुनाव में हाथी रोड़ा न बने इसके लिए लेकर प्रशासन तमाम तैयारी कर रहा है.
140 हाथी मेहमान
सरगुजा संभाग के कई इलाकों को मिलाकर यहां सालभर बड़ी संख्या में हाथियों की आवाजाही रहती है. इन इलाकों में मतदान कराना बड़ी चुनौती से कम नहीं है. सरगुजा, जशपुर ,बलरामपुर ,सूरजपुर का प्रतापुर और कोरिया जिलों में ये हाथी एक बड़ी समस्या हैं. सभी जिले मिलाकर करीब 125 से लेकर 140 की संख्या में हाथी साल भर यहां से वहां होते रहते हैं. इसकी वजह ये है कि इन इलाकों में हाथियों के लिए भोजन पानी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. इसलिए ये इनका पर्यटन स्थल बना हुआ है. हाथी साल भर इन्हीं इलाकों में विचरण करते है.
हाथियों पर नजर
सरगुजा संभाग में दूसरे चरण में मतदान है. बाकी तमाम समस्याओं के साथ हाथी के बीच मतदान कराना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि मतदान के दौरान हाथी कोई बाधा उत्पन न करें इसके लिए प्रशासन ने वन विभाग को अलर्ट कर दिया है. इसलिए वन विभाग इन दिनों हाथियों की निगरानी कर उन्हें खदेड़ने में लगा है. ताकि मतदान के दौरान मतदान केन्द्रों पर किसी प्रकार की समस्या न हो. मतदान दल भी सुरक्षित रहें. शांति पूर्ण तरीके से मतदान कराया जा सके.
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Tags: Chhattisgarh Assembly Elections, Terror of elephants
FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 12:18 IST