शव की बेकद्री: संपत्ति विवाद में अधिवक्ता का नहीं हुआ अंतिम संस्कार, 9 घंटे तक घर में रखी रही देह, ये थी वजह

Advocate Dead Body could not be cremated due to property dispute in mathura

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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मथुरा में घरेलू और संपत्ति विवाद में एक सप्ताह में ही शुक्रवार को मृत देह की बेकद्री का दूसरा मामला सामने आया है। शहर कोतवाली क्षेत्र के द्वारिकापुरी इलाके में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक चौधरी की बीमारी के कारण मौत गई। शव का अंतिम संस्कार कौन करेगा, इसे मां, तीन बहनों और एक भाई के बीच रार हो गई। 

बहनों और मां ने भाई को अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। करीब 9 घंटे तक अंतिम संस्कार पर कोई निर्णय नहीं हो सका तो पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद ही तय होगा कि अंतिम संस्कार कौन सा पक्ष करेगा।

64 वर्षीय अधिवक्ता अशोक चौधरी के पिता ओमकार चौधरी कस्टम विभाग में अधिकारी थे। ओमकार के परिवार में पत्नी ब्रह्मा देवी, तीन बेटियां आशा, आभा और अरुणा हैं। वहीं, दो बेटे अशोक और योगेश चौधरी हैं। अरुणा के पति आईबी में हैं, वह परिवार के साथ जनकपुरी, अलीगढ़ में रहती हैं। 

आशा चौधरी पति के साथ द्वारिकापुरी में ही रहती हैं, वहीं आभा मेरठ स्थित ससुराल को छोड़कर मां और भाई अशोक चौधरी के साथ द्वारिकापुरी में ही रहती हैं। अशोक चौधरी की सुबह सात बजे मौत हो गई। सूचना पर भाई योगेश चौधरी उर्फ पप्पू द्वारिकापुरी पहुंचा। 

 

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