शरीर में कहीं भी डस ले सांप! मरीज के चेहरे पर दिखाई देते हैं ये 6 लक्षण, जहर फैलने से पहले कर लें ये काम..

How to know Snake bite or not: बारिश का मौसम आने वाला है. इस दौरान अक्‍सर ही खेत पर काम करते हुए या घरों के अंदर भी सांप के डसने की खबरें आती रहती हैं. कई बार पक्‍के मकानों में भी सांप निकल आते हैं और लोगों को काट लेते हैं. अक्‍सर देखा जाता है कि सांप डसकर भाग जाता है और कई बार लोगों को दिखाई भी नहीं देता. जब तक व्‍यक्ति कुछ सोचता है, तब तक सांप का जहर उसके शरीर में फैलना शुरू हो जाता है. ऐसे में कई बार पहचान न हो पाने के चलते सर्पदंश का जहर इतना बढ़ जाता है कि पीड़‍ित की मौत तक हो जाती है.

हालांकि सर्पदंश का इलाज करने वाले डॉक्‍टरों की मानें तो चाहे शरीर के किसी भी हिस्‍से में सांप भले ही काटकर भाग जाए और दिखाई न दे लेकिन सांप के काटे का असर मरीज के चेहरे पर साफ-साफ दिखाई देता है. उसके चेहरे की हरकतें बता देती हैं कि सांप ने ही काटा है. इसके लिए आपको सर्पदंश के 6 प्रमुख लक्षण पता होने जरूरी हैं.

चेहरे पर दिखाई देते हैं ये लक्षण

. दो बूंद के निशान- सांप काट ले तो पहला लक्षण है कि जहां सांप ने डसा है वहां ऊपर नीचे या दाएं-बाएं एकदम सीध में दो गोल बूंद जैसे निशान होते हैं. ये सांप के दांतों के निशान होते हैं, जहां खून जमा हो जाता है. सांप के ये दांत पास पास होते हैं. अगर सांप ज्‍यादा विषैला होगा तो इन दो बूंदों के आसपास का हिस्‍सा नीला पड़ने लगेगा.

.बेहोशी- सांप के काटने के बाद मरीज को नींद आने लगती है और वह बेहोशी की हालत में पहुंचने लगता है. आप उसे जगाएंगे, वह फिर भी सोने की कोशिश करेगा.

. पलकों का भारी होना- सांप के डसे हुए व्‍यक्ति की पलकें भारी होने लगती हैं. वह उन्‍हें खोले रखने में परेशान होता है. उसे आंखों में वजन लगता है, सुस्‍ती आती है और आंखें बंद होती रहती हैं.

.उल्‍टी आती है- ऐसे मरीज को उबकाई या उल्‍टी आती हैं. उसका जी घबराता है. पेट दर्द भी हो सकता है.

. सांस लेने में दिक्‍कत- मरीज सांस लेने में तकलीफ महसूस करता है. या फिर लंबी लंबी सांसें लेता है.

. चेहरे-शरीर पर चकत्‍ते- सांप के काटने के बाद कई मरीजों में चेहरे सहित शरीर पर लाल चकत्‍ते, सूजन या जगह-जगह लाल पड़ने की दिक्‍कत सामने आती है.

. पेशाब का रंग- सांप के डसने की पुष्टि करने के लिए मरीज को पेशाब कराएं, अगर उसका रंग लाल या ब्राउन हो तो समझ जाएं कि सांप ने काटा है और उसका जहर बढ़ रहा है.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट-
डॉ. राजेश प्रजापति, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बल्दीराय सुल्तानपुर बताते हैं कि सांप के काटने का पता इन लक्षणों से ही चल जाता है. इसलिए कोई भी गलती करने के बजाय मरीज को तत्‍काल जिला अस्‍पताल या नजदीकी अस्‍पताल लेकर जाना चाहिए. पिछले 20 साल में भारत में 12 लाख से ज्‍यादा लोगों की मौत हुई है. 97 फीसदी मौतें गांव-देहात के इलाकों में हुई है. बेहद दिलचस्‍प है कि देश में सांपों के काटने को अपने यहां पर पूर्वज, अनहोनी, पुराने जन्‍मों की जिंदगी आदि से जोड़कर देखा जाता है और उसी के हिसाब से सांप काटने के इलाज लिए बायगीर, तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के तरीके अपनाए जाते हैं. जबकि डब्‍ल्‍यूएचओ (WHO) इसे एक उपेक्षित ट्रॉपिकल बीमारी मानता है और एंटी वेनम वैक्‍सीन (AVV) से इसका इलाज संभव हो जाता है.

न करें ये काम
. डॉ. राजेश कहते हैं कि सांप के काटे वाली जगह के आसपास बंध न लगाएं. उसे कपड़े या रस्‍सी से न बांधें. अगर ऐसा करते हैं तो उस जगह के टिश्‍यू डैमेज होने लगते हैं और ब्‍लड की आपूर्ति रुक जाती है. ऐसी स्थिति में गैंगरीन या पैरालिसिस जैसी बीमारियां होने का भी खतरा पैदा हो जाता है. मरीज की मौत तक हो जाती है. इसलिए ये काम न करें.

. मुंह से जहर निकालने की प्रेक्टिस न करें. यह जानलेवा हो सकता है.
. मरीज को घर में या झाड़ फूंक से ठीक करने की कोशिश न करें. तुरंत अस्‍पताल लेकर जाएं. वहां एंटी वेनम वैक्‍सीन उपलब्‍ध रहती हैं और इलाज भी बेहतरीन होता है.

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