पटना:
बिहार में ऐसे तो शराबबंदी कानून को कड़ाई से पालन करवाने को लेकर सरकार हर कदम उठा रही है। लेकिन, तस्कर भी शराब की तस्करी में कोई कसर छोड़ नहीं रहे। इसकी पुष्टि पुलिस के आंकड़ों से भी हो रही है।
पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में अधिक मात्रा में शराब की बरामदगी की गई है। इस दौरान गिरफ्तारियां कम हुई हैं। पिछले साल फरवरी से दिसंबर के बीच 1 लाख 27 हजार 406 लोगों को उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आधे से अधिक 66 हजार 253 शराबियों को जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया। शेष 61 हजार 153 को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इनमें शराबियों की संख्या 6,118 रही जो कुल गिरफ्तारी का महज पांच प्रतिशत है। पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में प्रदेश में 33,27,827 लीटर शराब जब्त किया गया था। जबकि, 2023 में 39,63,366 लीटर शराब जब्त की गई है। इसी तरह वर्ष 2022 में हुई 1,71,749 गिरफ्तारी की तुलना में 2023 में 1,43,621 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आंकड़ों को सच माने तो 2022 में शराबबंदी कानून के तहत 96,157 मामले दर्ज हुए थे। जबकि, पिछले वर्ष यानी 2023 में 72,060 मामले ही दर्ज हुए।
अधिक शराब बरामदगी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। भाजपा की प्रवक्ता पूनम सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह असफल है। शराब तस्करी खुलेआम हो रही है। जब सभी जगह अवैध तरीके से शराब बेची जा रही हो तो स्वाभाविक है कि अधिक बरामदगी होगी। आखिर शराबबंदी वाले प्रदेश में शराब पहुंच कैसे रही है?
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