शुभम मरमट / उज्जैन.शनि भगवान की महिमा अपरंपार है. यह एक ऐसे देवता है जो राजा को रंक व रंक को राजा बना देते है. यह भक्तों को फल स्वरुप आशीर्वाद तो देते हैं, परंतु ज़ब शनि की चाल बदलती है.तो इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ता है. ज्योतिष अमर डब्बा वाले ने कहा कि शनिदेव को न्याय कर्मफलदाता व न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. शनिदेव हर जातक को उसके कर्म के हिसाब से फल प्रदान करते हैं.वर्तमान में शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं.शनि कुंभ राशि में साल 2025 तक रहेंगे. शनि के कुंभ राशि में होने से सीधे तौर पर पांच राशियां प्रभावित हो रही हैं.
इस समय मकर, कुंभ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जबकि कर्क व वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या का प्रभाव है.शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं. मकर राशि वालों पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है.कुंभ राशि वालों पर दूसरा और मीन राशि वालों पर पहला चरण चल रहा है.
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
1. शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए.
2. शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करने चाहिए.
3. शनिवार के दिन शनिदेव से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए।
4. गरीबों या जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए.
5. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जाना चाहिए.
5 नवंबर का दिन साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों के लिए क्यों खास
शनिवार से शनिदेव शुरू करेंगे सीधा चाल
शनिवार को शनिदेव कुंभ राशि में सीधी चाल शुरू करेंगे. यानी इस समय कुंभ राशि में शनि वक्री यानी उल्टी चाल चल रहे हैं.शनि की सीधी चाल का शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ सकता है. ज्योतिष अमर ने बताया गणना के अनुसार, शनि वक्री अवस्था में ज्यादा अशुभ प्रभाव प्रदान करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2023, 19:43 IST