शंकराचार्य निश्चलानंद बोले: मठ-मंदिर को शिक्षा का केंद्र बनाए जाने पर ही धर्म की रक्षा संभव, जागे हर हिंदू

Shankaracharya Nischalananda said: Protection of religion is possible only if the monastery and temple

पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि भारत को दिशाहीन करने के लिए मैकाले की शिक्षा पद्धति लागू की गई। मठ व मंदिर को शिक्षा और रक्षा का केंद्र बनाया जाए, तभी धर्म की रक्षा हो सकती है। पुरी शंकराचार्य ने आगे कहा कि मंत्र मारक भी होता है और तारक भी, इसलिए मंत्रों से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। किसी योग्य आचार्य ब्राह्मण से शुद्ध उच्चारण सुनकर नियमानुसार मंत्र या स्त्रोत्र का जप पाठ करना चाहिए।

बुधवार को पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह बातें माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन के त्रिवेणी मार्ग स्थित अपने शिविर में हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहीं। शंकराचार्य ने कहा कि महायंत्रों के अत्यधिक और अनुचित उपयोग से धरती व पूरा वायु मंडल दूषित एवं असंतुलित हो रहा है। इसके बारे में यदि आज नहीं चेता गया तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।उन्होंने आगे कहा कि हिंदू राष्ट्र अभियान के तहत हर हिंदू को अब जागना होगा। गो माता की रक्षा का संकल्प लेना होगा।

शिविर में दूसरी तरफ वैदिक परंपरा अनुसार शंकराचार्य के सानिध्य में आचार्य रामशंकर शुक्ल की ओर से 85 बटुकों का उपनयन संस्कार संपन्न कराया गया। उन्हें सनातन वैदिक परंपरा के नियमों के पालन का संकल्प दिलाया गया।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *