Lucknow Airport: एयरपोर्ट पर तैनात एयरलाइन स्टाफ या तो पूरी तरह से रोबोट बन चुका हैं या फिर उनकी मानवीय संवदेनाएं पूरी तरह से मर चुकी है. यह मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ एयरपोर्ट का है, जहां एक 72 वर्षीय वयोवृद्ध बीमार महिला ह्वीलचेयर के लिए एयरलाइन स्टाफ के सामने गुहार लगाती रही, लेकिन किसी के वहां मौजूद किसी भी शख्स के कानों में जूं नहीं रेंगी. जब इस वयोवृद्ध महिला की किसी ने नहीं सुनी तो आखिर में परेशान होकर उन्होंने अपने डॉक्टर बेटे को फोन लगाया. बेटा भी हर संभव कोशिश करके हार गया, लेकिन उसकी वयोवृद्ध मां की मदद के लिए आखिर तक किसी ने हाथ नहीं बढ़ाया.
डॉ. सिद्धार्थ अरोड़ा के अनुसार, उनकी 72 वर्षीय वयोवृद्ध मां उर्मिला अरोड़ा कार्डिएक पेसमेकर सपोर्ट पर हैं. उनकी मां को इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से दुबई के लिए 9 फरवरी 2024 को रवाना होना था. उन्होंने अपनी मां की इस फ्लाइट के लिए न केवल वेब चेक-इन कराया था, बल्कि उनके लिए व्हीलचेयर भी बुक कराई थी. 9 फरवरी को उनकी मां तय समय पर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच गई. टर्मिनल में प्रवेश करने के साथ उनकी बीमार मां ने एयरलाइंस स्टाफ से व्हीलचेयर की मदद मांगी.
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एयरलाइन का बेतुका जवाब सुन आप भी पकड़ लेंगे अपना सिर
डॉ. सिद्धार्थ अरोड़ा का आरोप है कि पहले तो इंडिगो के ग्राउंड स्टाफ उनकी मां की बातों को अनसुना कर दिया, बाद में कुछ अंग्रेजी में बोलने लगी. उनकी मां ने कई बार कहा कि उन्हें अंग्रेजी समझ में नहीं आती है, बावजूद एयरलाइन ग्राउंड स्टाफ अपनी ही धुन में लगा रहा. आखिर में, जब एयरपोर्ट पर किसी ने उनकी मां की मदद नहीं की, तब परेशान होकर उन्होंने अपने बेटे को फोन लगाया. जब उनके बेटे ने एयरलाइन स्टाफ से बात की, तो उन्हें यह बेतुका बहाना दिया गया कि एयरपोर्ट पर सिर्फ चार व्हीलचेयर ही हैं.
इसके बाद, जब उनकी मां ने एयरलाइन से अपने स्वास्थ्य और उम्र का हवाला देकर मदद की गुहार लगाई. लेकिन, मौके पर मौजूद एयरलाइन ग्राउंड स्टाफ का दिल नहीं पसीजा. आरोप है कि जवाब में एयरलाइन स्टाफ ने बोला, वह सुनकर उनके मां के पैरे तलों जमीन खिसक गई. उनकी मां से कहा गया कि या पैदल जाइए या फिर फ्लाइट छोड़ दीजिए. इसके बाद, उनकी मां के लिए कुछ कहने और सुनने को नहीं बचा था. उन्होंने किसी तरह अपने सामान के साथ एयरपोर्ट की प्रक्रिया पर विमान में सवार हो गईं.
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मंजिल पर पहुंचते से पहले बिगड़ी मां की तबियत
डॉ. सिद्धार्थ अरोड़ा के अनुसार, जब कॉल सेंटर और एयरपोर्ट स्टाफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली, तो उन्होंने एयरपोर्ट और इंडिगो के आधिकारिक X एकाउंट पर अपनी परेशानी जाहिर की. इंडिगो ने अपना रटा रटाया जवाब देते हुए लिखा कि नमस्ते, आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. कृपया अपना पीएनआर हमारे साथ डीएम (डायरेक्ट मैसेज) पर साझा करें, ताकि हम जांच कर सकें और आपको सही सहायता प्रदान कर सकें. वहीं एयरपोर्ट ऑपरेटर फीडबैक का ईमेल देकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिया.
उन्होंने बताया कि X एकाउंट पर औपरिकता पूरी करते हुए मदद का आश्वासन तो मिला, लेकिन उनकी मां तक मदद नहीं पहुंची. जब उनकी मां दुबई पहुंची, तब वह बुरी तरह से थक चुकी थीं और उनका बीपी गिर गया था. उनका आरोप है कि इंडिगो ने उनकी मां के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है. डॉ. सिद्धार्थ अरोड़ा ने इंडिगो एयरलाइन स्टाफ को ‘हार्टलेस रोबोट’ बताते हुए इस मामले को उचित फोरम तक ले जाने की बात कही है.
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FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 10:37 IST