वीलीड से क्रेडिबल इंडिया तक; दावोस में भारतीय लाउंज का दबदबा

समोसा और कचोड़ी मिलेगी 

इस बार भारतीय चाय, कॉफी, समोसा और कचोड़ी के अलावा, कुछ बार, रेस्तरां और लाउंज में दो दिन शाम को ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया ऑवर’ के दौरान भारतीय शराब भी मिलेगी. कुल मिलाकर दुनिया भर की सरकारों और कॉरपोरेट जगत द्वारा 60-70 लाउंज और मंडप स्थापित किए गए हैं. इनमें से करीब एक दर्जन भारतीय हैं.

60 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे

यहां सोमवार से शुरू होने वाली डब्ल्यूईएफ की 54वीं वार्षिक बैठक में 60 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष तथा शासनाध्यक्ष शामिल होंगे. भारत की ओर से तीन केंद्रीय मंत्री, कुछ मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और 100 से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) इसमें शिरकत करेंगे. शीर्ष उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी इस बार बड़े अभियान की योजना बनाई है.

दावोस में भारतीय उद्योग का विषय ‘क्रेडिबल इंडिया’ (विश्वसनीय भारत) है. इसमें भारत की प्रभावशाली आर्थिक उपलब्धियों और वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा. सीआईआई ने ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया आवर’ भी शुरू किया है जो भारतीय वाइन तथा स्पिरिट का प्रदर्शन करने के लिए चार स्थानों पर आयोजित किया जाएगा.

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को ‘वीलीड लाउंज’ का उद्घाटन करेंगी. यह महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न लैंगिक मुद्दों को उठाया जाएगा.

कई देशों के एनएसए ने यूक्रेन शांति सूत्र पर दावोस में की चर्चा

कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) ने यूक्रेन शांति सूत्र पर चर्चा के लिए रविवार को यहां एक बैठक की. भारत और कई अन्य देश यूक्रेन में शांति बहाली पर जोर दे रहे हैं. यूक्रेन के साथ बैठक की सह-मेजबानी करने वाले स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘ इस लक्ष्य को हासिल करने में यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखते हुए स्विट्जरलैंड बैठक का आयोजन कर रहा है. ”

कई बैठकें हो चुकी हैं

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की द्वारा 2022 में प्रस्तावित शांति सूत्र पर यह चौथी एनएसए बैठक है. इसमें यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के मकसद से 10 सिद्धांतों का उल्लेख है. इससे पहले कोपेनहेगन, जेद्दा और माल्टा में बैठकें हो चुकी हैं.

भारत ने हमेशा यूक्रेन में शांति बहाली की वकालत की

भारत ने हमेशा यूक्रेन में शांति बहाली की वकालत की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज़ेलेंस्की के साथ चर्चा के दौरान कहा था कि भारत शांति बहाल करने में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के दौरान भी मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है.

सूत्रों ने कहा कि दावोस बैठक में भारतीय प्रतिनिधि ने फिर से जल्द शांति बहाली का आह्वान किया. हालांकि, फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति के कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि इसमें 81 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यरमक ने स्विस फेडरल काउंसलर इग्नाजियो कैसिस के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की.

स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय के अनुसार, सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के सिद्धांतों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर बातचीत को अंतिम रूप देना है.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ इन सिद्धांतों को शांति प्रक्रिया के अगले चरणों का आधार बनाना चाहिए. स्विट्जरलैंड दावोस में सम्मेलन के जरिए इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. ”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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