विश्व का एकमात्र मंदिर जहां मां दुर्गा के सर्वेश्वरी रूप की होती है पूजा, सतयुग में देवताओं ने की थी स्थापना, देखें तस्वीरें

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यह बात सतयुग की है. देवासुर संग्राम में पराजित देवगण ऋषि वेश में वेत्रवती जंगल में तपस्या कर रहे थें. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर, मां भगवती ने उन्हीं ऋषियों में से एक ऋषि अभ्भृण की पुत्री के रूप में जन्म लिया. मां मरकतमणि, शंख, चक्र, धनुष और बाण लेकर प्रकट हुई और फिर दुर्गम नामक दानव सेना नायक समेत अन्य राक्षसों का संहार कर अंतर्ध्यान हो गई.

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