विश्वास है कि किसान नेता चीजों को समझेंगे और प्रदर्शन वापस लेंगे: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसान नेता चीजों को समझेंगे और अपना प्रदर्शन वापस ले लेंगे।

खाद्य मंत्री गोयल केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के साथ किसान संगठनों के संग चार दौर की वार्ता कर चुके हैं। ये किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में है और वह उनके साथ खड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कृपया कुछ लोगों के दुष्प्रचार से गुमराह न हों। यह सरकार किसानों के हित के प्रति कटिबद्ध है और हम हर किसान के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’

गोयल ने कहा कि कृषि मंत्री और गृह राज्यमंत्री के संग उन्होंने किसान नेताओं को सुझाव दिया कि कैसे सरकार कृषक समुदाय के बेहतर भविष्य तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद पहुंचाने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर सकती है।

गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि वे चीजों को समझेंगे और यह प्रदर्शन वापस ले लेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि आंदोलनकारी किसानों के साथ नये दौर की वार्ता का कोई कार्यक्रम है, तो उन्होंने कहा कि ‘‘किसी के साथ संवाद एक सतत प्रक्रिया है’’।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रदर्शन से पहले भी, हम किसान नेताओं के साथ नियमित संवाद कर रहे थे और… भविष्य में भी हम उनके साथ संवाद करते रहेंगे।’’
किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की वार्ता में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने किसानों के साथ समझौता हो जाने पर पांच वर्षों के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल, मक्का और कपास खरीदने का प्रस्ताव दिया था।

हालांकि, किसान नेताओं ने यह कहते हुए केंद्र के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि यह किसानों के हित में नहीं है।
पंजाब से किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पंजाब-हरियाणा सीमा पर आगे बढ़ने से रोक दिया था।
तब से कई प्रदर्शनकारी किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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