विभागीय मनाही के बाद भी परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने किया था प्रदर्शन

रिपोर्ट-ऋतु राज
मुजफ्फरपुर. शिक्षा विभाग के बदमिजाज और घूसखोर पदाधिकारियों को सबक सिखाने आए लाठी से लैस परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक अब खुद फंस गए हैं. संघ के शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग सबक सिखा रहा है. विभाग ने प्रारंभिक शिक्षक संघ के लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. लाठी के साथ प्रदर्शन करने वाले संघ के 20 शिक्षकों का वेतन स्थागित कर शो-कॉज नोटिस जारी किया है. समय पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर इन शिक्षकों पर केस दर्ज कराया जा सकता है.

शिक्षा विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आदेश दिया है. उसके बाद स्थानीय जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से इस आशय का पत्र जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों को किसी भी संगठन के बैनर तले अथवा एकल रूप से सरकार या विभाग के विरूद्ध धरना-प्रदर्शन करने पर पहले ही रोक लगा दी थी. इसके बावजूद 10 मार्च को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले शहर के खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर शिक्षकों के बीच लाठी बांटी गई. ऐसा करना शिक्षकीय चरित्र, दायित्व और आचरण के बिलकुल विपरीत है. आप सभी का ये काम विभागीय पदाधिकारियों को डराने- धमकाने के लिए माना गया.

इन शिक्षकों पर कार्रवाई
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिन शिक्षकों को शो-कॉज नोटिस दिया गया है उनमें बंशीधर ब्रजवासी, लखनलाल निषाद, जीतन सहनी, हरिनाथ साह, शंकर कुमार, सुधांशु कुमार, मा. मुर्तजा, समरेंद्र कुमार, नाजिर असरार, ललिता कुमारी शामिल हैं. इसके अलावा देवेंद्र राम, रफी अहमद, श्याम कुमार, अरविंद कुमार, ओम प्रकाश, मेराजुल हक साबरी, राम सहाय, सुनील कुमार, मदन सहनी और महावीर प्रसाद को भी शो-कॉज दिया गया है.

संघ बोला हमें नहीं पता
इस एक्शन के बाद परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेता लखन लाल निषाद का कहना है अभी तक ऐसी जानकारी नहीं मिली है. अगर ऐसा हुआ है तो यह शिक्षा विभाग की तानाशाही है. हम लोगों ने भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ मुहिम चलाई है. संघ का कहना है वे अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए स्कूल में लाठी और दूसरे का सम्मान करने के लिए गुलदस्ता रखेंगे.

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